Made of Precious Metal : देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' से लेकर पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री, परम वीर चक्र और तमाम नागरिक, सैन्य, खेल, पुलिस मेडल, और इसे तैयार करता है कोलकाता टकसाल। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर जानकारी दी गई है। इस टकसाल में 1,2,5,10 रुपये के सिक्के भी बनते हैं। अब सवाल पैदा होता है कि मेडल आखिर किस धातु के बने होते हैं? ये कितने कीमती होते हैं? आखिर कौन कारीगर इन्हें बनाता है?
तमाम मेडल का निर्माण आज भी जारी
कोलकाता के भारत सरकार टकसाल की स्थापना साल 1757 में हुई थी. इसे कलकत्ता टकसाल के नाम से भी जाना जाता था और कभी मुर्शिदाबाद मिंट के नाम से चांदी, कांस्य जैसी धातुओं के सिक्के बनाता था. ब्रिटिश हुकूमत के दौरान, कोलकाता टकसाल सिक्कों की ढलाई तो करता ही था. साथ ही तमाम तरह के मेडल का निर्माण भी करता था, जो आज भी जारी है।
भारत रत्न
पहले बात करते हैं भारत रत्न की. यह पीपल के पत्ते जैसा दिखता है, जो शुद्ध तांबे का होता है. इसकी लंबाई 5.8 सेमी लंबा, चौड़ाई 4.7 सेमी और मोटाई 3.1 मिमी होती है. पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना हुआ है. किनारा भी प्लैटिनम का होता है. इसके नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है. जबकि पीछे की तरफ अशोक स्तंभ के नीचे हिंदी में 'सत्यमेव जयते' लिखा होता है।
पद्म विभूषण
पदक का डिजाइन गोलाकार होता है और चक्र पर एक ज्यामितीय पैटर्न बना होता है. वृत्ताकार भाग का व्यास 4.4 सेमी और मोटाई लगभग 0.6 मिमी है. अग्रभाग पर गोलाकार आकृति में कमल का फूल उभरा हुआ है. ऊपर हिंदी में 'पद्म' शब्द और कमल के नीचे 'विभूषण' शब्द चमकदार कांस्य में उभरा हुआ है. पदक के दोनों ओर सभी उभार 'सफ़ेद सोने' (White Gold) के होते हैं।
पद्म भूषण व पद्म श्री
पद्म भूषण का डिजाइन बिलकुल पद्म विभूषण पदक की तरह ही है और वैसा ही दिखता है. फर्क बस इतना है कि पद्म भूषण पर दोनों तरफ के उभार सामान्य सोने के होते हैं. अब बात करते हैं पद्म श्री की. पद्म श्री का डिजाइन भी पद्म विभूषण और पद्म भूषण जैसा ही है, लेकिन पदक के दोनों ओर सभी उभार स्टेनलेस स्टील से बने हैं. बहुत कुशल कारीगर दिन-रात की मेहनत से मेडल को तैयार करते हैं।