भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। पंजाब की 13 सीटों पर भी जल्द ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा सकता है। जालंधर लोकसभा की आरक्षित सीट पर साल 2023 में उप चुनाव में भाजपा ने इंद्र इकबाल सिंह अटवाल को उतारा था, लेकिन वह बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे।
युवा भाजपा नेता रोबिन सांपला का नाम भी चर्चा में
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा जीतने वाले उम्मीदवार पर दांव लगाना चाहेगी। हालांकि बीजेपी के अंदरूनी सर्वे में इंद्र इकबाल सिंह अटवाल, राजेश बाघा और दिल्ली से सांसद हंसराज हंस के बीच टिकट के लिए मुकाबला माना जा रहा है, इसी बीच एक और नाम उभर कर प्रमुखता से सामने आया है जो युवा और तेजतर्रार नेता रोबिन सांपला का है। रोबिन सांपला पर भी पार्टी दांव लगा सकती है।
भाजपा के युवा नेता व एससी मोर्चा पंजाब के उप प्रधान रोबिन सांपला पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला के भतीजे भी हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यही वजह है कि पार्टी रोबिन सांपला के नाम पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। अब देखना यह है कि क्या पार्टी इंद्र इकबाल सिंह अटवाल, राजेश बाघा और हंस राज हंस में से किसी के नाम पर मोहर लगाती है या फिर किसी रोबिन सांपला या अन्य चेहरे को लाकर सभी को चौंका देती है।
रोबिन सांपला ने बनाई अपनी अलग पहचान
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन विजय सांपला के रिश्तेदार होने के बावजूद उन्होंने युवा नेता के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। वह पिछले 15 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। वह युवा मोर्चा में भी एक्टिव रहे हैं।
श्री गुरु रविदास धर्म से संबंधित रोबिन सांपला युवाओं में वह काफी लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे हैं। दलित नेता के तौर पर उन्होंने पार्टी के साथ दलितों को जोड़ने में अहम भूमिका अदा की है। पार्टी ने उनकी मेहनत और लोकप्रियता के देखते हुए उन्होंने हाल ही में भाजपा के एससी मोर्चा के प्रदेश उप प्रधान भी बनाया है।
अटवाल पिता-पुत्र पर भाजपा खेल चुकी है दांव
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन टूटने के बाद साल 2019 में भाजपा ने पहली बार अकेले ही जालंधर सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा ने अकाली दल छोड़कर आए पूर्व डिप्टी स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था। तब कांग्रेस के चौधरी संतोख सिंह ने दूसरी बार इस सीट से जीत प्राप्त की थी।
साल 2023 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हार्ट अटैक होने के कारण मौत हो गई थी। उनकी सीट खाली होने के बाद इसी साल उप चुनाव कराया गया। जिसमें भाजपा ने चरणजीत सिंह अटवाल की जगह उनके बेटे इंद्र इकाबल सिंह अटवाल को मैदान में उतारा। लेकिन इस सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुशील रिंकू ने जीत हासिल की।
पूर्व सीएम चन्नी के आने से मुकाबला कड़ा
जालंधर लोकसभा सीट हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रही है। इस सीट पर पिछले तीन बार से कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। 2009 में मोहिंदर सिहं केपी और 2014 और 2019 में स्वर्गीय चौधरी संतोख सिंह ने जीत हासिल की। अब कांग्रेस पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को उम्मीदवार के तौर पर उतारने की तैयारी कर रही है। जिसकी वजह से जालंधर लोस सीट एक बार फिर से हॉट केक बनने जा रही है। आम आदमी पार्टी की तरफ से सुशील रिंकू और कांग्रेस की तरफ से चन्नी को टक्कर देने के लिए भाजपा को भी उनकी टक्कर का ही कोई नेता मैदान में उतराना होगा।