दिल्ली-अमृतसर के 465 किलोमीटर का छह घंटे से ज्यादा का सफर अब करीब दो घंटे का रह जाएगा, क्योंकि इस रूट पर बुलेट ट्रेन के लिए सर्वे शुरू हो चुका है। जमीन एक्वायर करने का काम जल्द शुरू हो जाएगा। रेलवे ने सोशल इकॉनामिक सर्वे पंजाब में शुरू करवा दिया है।
जिसके तहत दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर हाई स्पीड कॉरीडोर तैयार होगा। सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के लिए रेलवे ने 12 टीमों का गठन किया गया है। जालंधर में कंग साबू, परागपुर, चहेड़ू, सुरानुस्सी, उग्गी चिट्टी और करतारपुर के आसपास के गांवों से जमीन एक्वायर की जा सकती है। बुलेट ट्रेन का ट्रैक पुराने रेलवे ट्रैक से अलग होने की संभावना है।
120 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन की गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। जिसके लिए अलग से ही ट्रैक तैयार करवाना पड़ेगा।
55 फुट चौड़ा होगा रेल ट्रैक
सोशल इकॉनामिक सर्वे के बाद 55 फुट चौड़ा रेलवे ट्रैक अलग से तैयार किया जाएगा। बुलेट ट्रेन का ट्रैक कहां डाला जाएगा, इसका फैसला टीमें करेंगी। क्योंकि जमीन एक्वायर करने से पहले किसानों का रुख जाना जाएगा। अगर ज्यादातर किसान जमीनों पर ही निर्भर हैं तो ट्रैक बिछाने के लिए कोई दूसरा विकल्प देखा जाएगा।
पंजाब में 12 टीमें करेगीं सर्वे
इंडियन इंस्टीच्यूटऑफ मैनेजमेंट की तरफ से पंजाब में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 12 टीमों का गठन किया गया है। जिन्होंने श्री फतेहगढ़ साहिब और मोहाली में लोगों के साथ बातचीत की है। फिरोजपुर मंडल के अधिकारी ने बताया कि जितने भी पंजाब में रेलवे स्टेशन हैं। उनके बगल में ही रेलवे ट्रैक बिछाया जा सकता है। लेकिन काफी स्टेशन ऐसे हैं। जहां दोनों तरफ उतनी जमीन नहीं है जहां बुलेट ट्रेन के लिए ट्रैक बिछाया जा सके।
दिल्ली अमृतसर बुलेट ट्रेन का रूट
बुलेट ट्रेन का कॉरीडोर दिल्ली के द्वारका स्टेशन से शुरू होगा। रास्ते में सबसे पहले स्टॉपेज सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर में रुकेगी। रेलवे ट्रैक के लिए मोहाली में अलग से ही सर्वे हो रहा है। जिसकी डिटेल रेलवे अथॉरिटी की तरफ से दी जाएगी। इस कॉरीडोर में 13 बड़े स्टेशन कवर किए जाएगें। सर्वे पूरा होने के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी और फिर ही उसका लागत मूल्य भी तय होगा।
किसान कर सकते हैं विरोध
पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली-जम्मू-कटरा एक्सप्रेस वे और जालंधर बायपास के लिए किसानों की जमीन को जालंधर से एक्वायर किया है। इन दोनों प्रोजेक्टों में भी कुछ किसानों की ओर से अड़चन पैदा की गई है। बुलेट ट्रेन के ट्रैक के लिए जमीन एक्वायर करने में दिक्कत पैदा हो सकती है। किसान इसका पूरा विरोध कर सकते हैं। क्योंकि किसानों का कहना है कि पहले उनकी जमीनों को धक्के से नेशनल हाईवे अथॉरिटी को बेच दिया गया और अब रेलवे को उनकी जमीन बेची जाएगी।
दिल्ली-अमृतसर हाई-स्पीड रेल (DAMHSR बुलेट ट्रेन) परियोजना 465 किलोमीटर की प्रस्तावित हाई स्पीड रेल लाइन है जो दिल्ली, चंडीगढ़ और अमृतसर को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के 13 स्टेशनों के माध्यम से जोड़ेगी। परियोजना लागत अभी तय नहीं हुई है।
2019 में भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित नए हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में से ये चौथा ट्रैक है, जिसके लिए परियोजना पर निर्माण शुरू करने के लिए अक्टूबर 2020 में बुनियादी निविदा गतिविधि शुरू हुई थी।
प्रोजेक्ट एक नजर
मैक्सीमम स्पीड : 350 किमी प्रति घंटा
ओपरेश्नल स्पीड : 320 किमी प्रति घंटा
एवरेज स्पीड : 250 किमी प्रति घंटा
सिग्नलिंग: डीएस-एटीसी
ट्रेन की क्षमता : 750 यात्री
ट्रैक्शन : 25 केवी एसी ओवरहेड कैटेनरी (ओएचई)
ट्रैक और रूट
लंबाई : 465 किमी
प्रकार : एलीवेटेड, भूमिगत और ग्रेड पर
स्टेशन के नाम : दिल्ली, सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर
ट्रैक की डिटेल
प्रस्तावित दिल्ली अमृतसर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर मध्य हरियाणा के माध्यम से एक ग्रीनफील्ड मार्ग लेगा और आंशिक रूप से दिल्ली - अमृतसर - कटरा एक्सप्रेसवे के आसपास ही चलेगा। यह हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी के लिए शहरों के सड़क नेटवर्क की मुख्य सड़कों से गुजर सकता है।
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