शिरोमणि अकाली दल पंजाब उपचुनाव में नहीं लड़ेगा। शिरोमणि अकाली दल की वर्किंग कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले के बाद चुनाव न लड़ने का बाद फैसला लिया गया है। क्योंकि पंथक हितों के बीच टकराव नहीं चाहते थे, इसलिए पार्टी ने होने वाले उपचुनाव की 4 सीटों से दूर रहने का सर्वसम्मति से फैसला लिया है।
प्रधान को आदेश, मतलब पार्टी को आदेश
डॉ. दलजीत चीमा ने आगे कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब का फैसला हमारे लिए सुप्रीम है। हम उनका कोई भी आदेश टाल नहीं सकते। सिर्फ अकेले प्रधान को हर फैसले के लिए कसूरवार ठहराना ठीक नहीं, प्रधान को आदेश, मतलब पार्टी को आदेश। हमें जत्थेदार साहिब के फैसले का इंतजार।
इस कारण लिया गया फैसला
दरअसल सुखबीर बादल पर सिख पंथ के नियमों से बाहर जाकर कई ऐसे फैसले लेने के आरोप लगे हैं। जिसके बाद श्री अकाल तख्त साहिब ने शिरोमणि अकाली दल के पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को तनखैया करार दिया है। लेकिन अभी तक उन पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है। जिस कारण वह पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। इसी कारण पार्टी ने उपचुनाव से बाहर रहने का फैसला लिया है।
दिवाली के बाद सजा पर लिया जाएगा फैसला
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का पहले ही साफ कर चुके है कि तनखैया तब तक तनखैया ही रहता है, जब तक उसकी तनखा पूरा नहीं हो जाती है। उसकी सजा के बारे में फैसला दिवाली के बाद लिया जाएगा। ऐसे में साफ है कि सुखबीर बादल चुनाव प्रचार नहीं कर सकते है और न ही चुनाव लड़ सकते हैं।