पुलिस कमिश्नरेट जालंधर के अधिकार क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए डिप्टी कमिश्नर ने एक बड़ा फैसला लिया है। डिप्टी कमिश्नर अंकुर गुप्ता ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अंतर्गत अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सारे रेस्तरां, क्लब और ऐसी अन्य जगहें जिनको लाइसेंस मिले हैं उनको 12 बजे तक बंद करने का आदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट जालंधर के सीमा के अंदर किसी भी रेस्तरां, क्लब या फिर अन्य लाइसेंस प्राप्त भोजनालयों में रात 11:30 बजे के बाद में खाने-पीने जैसा कोई भी ऑर्डर नहीं लिया जाएगा।
शराब की दुकानें भी की जाएंगी बंद
इसके अलावा कोई भी नया ग्राहक रेस्तरां, क्लब में नहीं आ पाएगा। बाकी लाइसेंस प्राप्त भोजनालयों को भी रात 11:30 बजे के बाद कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। शराब की दुकानों से सटे परिसर भी रात 12 बजे तक पूरी तरह बंद हो जाने चाहिए। आदेशों में सभी संस्थानों को ध्वनि स्तर 10 (ए) डीबी तक सीमित पालन करने के लिए कहा गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि डीजे, लाइव, ऑर्केस्ट्रा सहित जितने भी ध्वनि उत्पन्न करने वाले स्त्रोत हैं वो रात 10 बजे तक अपनी आवाज बंद कर लें। किसी भी भवन या परिसर के अंदर से उत्पन्न होने वाली आवाज चारदीवारी के बार न सुनाई दे। म्यूजिक सिस्टम से लैस वाहनों के मामले में म्यूजिक सिस्टम से उत्पन्न होने वाली ध्वनि दिन के किसी भी समय वाहन के बाहर नहीं आनी चाहिए।
10 डीबी (ए) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए आवाज
डीसीपी ने एक अन्य आदेश में सार्वजनिक आपाल स्थिति को छोड़कर साइलेंस जोन में हॉर्न का इस्तेमाल और रिहायशी इलाकों में रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक हॉर्न बजाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह सार्वजनिक स्थानों की सीमा के पास जहां पर ध्वनि प्रणाली या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली या किसी भी अन्य ध्वनि का इस्तेमाल हो रहा है उनकी आवाज 10 डीबी (ए) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
होटलों में नहीं चला पाएंगे डीजे
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मामले में पुलिस के द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक, सार्वजनिक आपातकाल के मामलों को छोड़कर कोई भी व्यक्ति रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच ड्रम या भोंपू बजाता है या कोई भी ध्वनि उत्पन्न नहीं करेगा। महलों और होटलों में डीजे भी नहीं इस्तेमाल कर पाएंगे। इसी तरह निजी स्वामित्व वाले ध्वनि आदेशं का उल्लंघन हुआ तो ध्वनि प्रणाली उपकरण भी जब्त कर लिए जाएंगे। ये आदेश 25 फरवरी 2025 तक लागू रहेंगे।