खबरिस्तान नेटवर्क: आपने यह कई बार देखा होगा कि जब आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं को टैक्स के साथ-साथ आपको सर्विस चार्ज बिल भी देना पड़ता है। कई बार तो रेस्टोरेंट वाले और कर्मचारी सर्विस चार्ज देने के लिए ग्राहकों पर प्रेशर भी डालते हैं। कभी-कभी तो ग्राहकों को एंट्री के समय एक ही स्लिप दे देते हैं जिसमें सर्विस चार्ज भी बताया होता है। वहीं कई बार तो ग्राहकों की सर्विस चार्ज को लेकर बहस भी हो जाती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाया है कि खाने के बिल पर ग्राहकों को सर्विस चार्ज देना है या नहीं यह उनकी अपनी मर्जी है। इसके लिए होटल या फिर रेस्टोरेंट वाले उन पर दबाव नहीं डाल सकते हैं। ग्राहक अगर चाहें तो वो सर्विस चार्ज दे सकते हैं और अगर नहीं चाहते हैं तो फिर देने से मना भी कर सकते हैं। यह फैसला जस्टिस प्रतिभा एम सिंह के द्वारा सुनाया गया। उन्होंने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के उन सभी दिशा निर्देशों को चुनौती देने वाले रेस्टोरेंट की निकायों की याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में होटल और रेस्टोरेंट पर खाने के बिल पर अनिवार्य तौर पर सर्विस चार्ज वसुलने के लिए रोक लगा दी गई है। इसके अलावा अदालत ने इन सभी निर्देशों के साथ सीसीपीए के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाले रेस्तरों के संघों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
आखिर क्या होता है सर्विस चार्ज?
सर्विस चार्ज जो सर्विस आपको होटल के द्वारा दी जाती है उसकी फीस होती है लेकिन रेस्टोरेंट्स और होटल्स वाले अपने मेन्यू की प्राइसिंग कुछ इस तरह करते हैं जिसके जरिए उनके सारे पैसे कवर हो जाते हैं। इसके अलावा ग्राहकों को जीएसटी भी चुकानी पड़ती है। पहले लंबे समय तक ग्राहकों को लगता था कि दूसरे चार्जेस के साथ-साथ सर्विस चार्ज भी सरकार के द्वारा वसूले जाते हैं और बाकी टेक्स की तरह इन्हें भी देना जरुरी है। असल में सर्विस चार्ज वही होता है जहां लिखा भी VAT और दूसरे टैक्स के साथ होते थे। जीएसटी आने के बाद लोगों ने सवाल उठाने शुरु कर दिए कि जब वो पहले से टैक्स दे रहे हैं तो फिर सर्विस चार्ज क्यों दें? लोगों की चिंता को देखते हुए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने लोगों यह बताया कि सर्विस चार्ज सरकारी टैक्स में नहीं आता और यह जरुरी नहीं है लेकिन फिर भी रेस्टोरेंट्स वाले इसको अपनी तरह सर्विस चार्ज से जोड़ देते हैं।