पंजाब में 3 दिन सरकारी बस ड्राईवरों की तरफ से हड़ताल का ऐलान किया गया है। 6 जनवरी से लेकर 8 जनवरी तक पंजाब में पी.आर.टी.सी और पनबस बसें नहीं चलेंगी। अपनी मांगों को लेकर पीआरटीसी और पनबस के कर्मचारी यूनियन ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री रिहायश के सामने प्रदर्शन करने का ऐलान दिया है। इसके कारण लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।
नहीं मानी जा रही मांगें
पनबस कर्मचारी यूनियन का कहना है कि मंत्रियों ने उनकी मांगों से जुड़ा कोई भी कदम नहीं उठाया है। अधिकारी कई बार उनकी मांगों को पूरा करने का वादा भी कर चुके हैं लेकिन सब कुछ टाला जा रहा है। ऐसे में अपनी मांगों को पूरा करने के लिए उन्होंने 3 दिन तक बसों का चक्का जाम करने के लिए कह दिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास के बाहर भी वह धरना देंगे और अपना गुस्सा जाहिर करेंगे। हड़ताल के चलते बस स्टैंड भी बंद करने की योजना बनाई जा रही है। इसके चलते निजी बसों को बस स्टैंड में नहीं जाने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के आवास के बाहर होगा प्रदर्शन
पी.आर.टी.सी और पनबस के कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के प्रधान ने कहा कि तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार, पी.आर.टी.सी और पनबस के कर्मचारी 6 से 8 जनवरी तक सामूहिक हड़ताल पर होंगे। इस दौरान पंजाब के किसी भी हिस्से में कोई बस नहीं चलेगी हालांकि इस हड़ताल का सीधा असर आम लोगों पर होगा लेकिन इसके बाद भी यूनियन नेताओं ने यही कहा है कि उनके पास सरकार से अपनी मांगें मनवाने का कोई रास्ता नहीं है। अब 6 से 8 जनवरी तक पी.आर.टी.सी और पनबस के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के सभी सदस्य हड़ताल पर होंगे और 7 जनवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के संगरुर में स्थित निवास को घेरा जाएगा।
सरकार ने नहीं दिए 600 करोड़
पी.आर.टी.सी के प्रधान ने बताया कि इस समय उनके पास 1100 और पनबस के पास करीब 600 बसे हैं। पंजाब सरकार और सीनियर अधिकारी प्राइवेट ट्रांसपोर्ट कंपनियों के साथ मिले हुए हैं। इस वजह से सरकारी बेड़ों में बसों की संख्या भी लगातार कम होती जा रही है। टूरिस्ट बसों को महज अपने कार्यालय से यात्रियों को किसी एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की अनुमति भी परमिट के अनुसार है लेकिन अधिकारियों के इशारे पर टूरिस्ट बसें हर बस अड्डों के बाहर से यात्रियों को अपनी बसों में बिठा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस समय पंजाब सरकार महिलाओं को मुफ्त बस सेवा का करीब 600 रुपये भी नहीं दे पाई है जिसके कारण उन्हें वेतन भी समय नहीं मिल रहा।