नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के तहत 20 सिखों को भारतीय नागरिकता मिल गई है। 1992 में अफगानिस्तान में पहली वापंथी सरकार गिरने के बाद 400 अफगानी सिख भारत आ गए थे। इनमें से अधिक अमृतसर, जालंधर और लुधियाना में बसे हैं। जबकि अभी भी 380 के करीब केस केंद्र सरकार के पास पैंडिंग पड़े हुए हैं।
32 साल पहले 1992 में अफगानिस्तान का माहौल खराब होने के बाद करीब 400 अफगान सिख भारत आ गए थे। जो देश के अलग-अलग हिस्सों में आकर बस गए थे। भारत में शरण लेने वाले इन सिख परिवारों को रहने के लिए अपना वीजा एक्सटेंड करवाना पड़ता था।
CAA एक्ट के तहत किया था आवेदन
हालांकि, 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों के लिए लांग टर्म वीजा (LTV) मानदंडों में काफी ढील दी। जिसे देखते हुए 1955 नागरिकता एक्ट के तहत आवेदन कर दिए गए, लेकिन तब से इनके आवेदन केंद्र के पास पेंडिंग पड़े थे।
वहीं, अफगान सिखों ने केंद्र सरकार से 1955 एक्ट के आवेदनों को CAA में बदलने की याचिका दायर की थी। ये याचिका अप्रैल महीने के की गई। जिसके बाद केंद्र ने इनके आवेदनों पर विचार किया और अब 20 अफगानी सिखों को भारतीय नागरिकता मिल गई है।
कई अफगान सिख अपने डॉक्यूमेंट्स खो चुके
जानकारी के अनुसार, कई अफगान सिख अपने डॉक्यूमेंट्स खो चुके हैं। कईयों के पास पासपोर्ट नहीं हैं। परिवारों ने बताया कि पहले आवेदन करने के लिए राज्य सरकारों का हस्ताक्षेप होता था, लेकिन CAA में उसे हटा दिया गया। जिसके चलते उनके आवेदनों पर जल्द कार्रवाई हो रही है।
अब पासपोर्ट एप्लाई कर सकते है
32 साल बाद अब जब भारत की नागरिकता मिल गई है तो वह पासपोर्ट एप्लाई कर सकते हैं और भारतीय पहचान पत्र भी बनवा सकते हैं। इन्हें हर साल अपना लांग टर्म वीजा एक्सटेंड करवाना पड़ता था। जिसके लिए कभी चंडीगढ़ तो कभी दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते थे।
अमृतसर के परिवार को नागरिकता मिली
रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतसर में एक परिवार के 8 सदस्यों को भारतीय नागरिकता मिली है। लेकिन, वे ना खुशी जाहिर करना चाहते हैं और ना ज्यादा बात करना चाहते हैं। उनका कहना है कि अभी भी उनके परिवार के कई सदस्यों को CAA के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया चल रही है।
बांग्लादेश में माहौल खराब
वहीं, अगर बात करें बांग्लादेश की तो वहां पर अभी माहौल काफी खराब चल रहा है। अगर कहीं भारत सरकार ने उन्हें नागरिकता देना रोक दिया तो उनके भाई-बहनों को कई साल फिर से इंतजार करना होगा।
11 मार्च को CAA लागू हुआ
बता दें कि भारत सरकार ने 11 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया था। इसमें आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (DLC) द्वारा आवेदन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (EC) द्वारा आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।