Teaching people farming instead of urban life : शहर में पली-बढ़ी स्नेहा राजगुरु को खेती और फल-सब्जियों को उगाने के तरीके के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में अपने काम के चलते जब वह अलग-अलग जगहों पर ठहरने जाती थीं, तब उन्होंने फार्मस्टे के कल्चर को करीब से जाना और उन्हें खेती में रुचि हुई। इस तरह शुरुआत हुई परमाकल्चर बाप-बेटी फार्म की! ज़्यादा से ज़्यादा लोग खेती को समझ सकें, इसके लिए ये बाप बेटी की जोड़ी Educational Permacultural Farm Tour कराते हैं। Sustainable Farming की जानकारी के साथ-साथ महाराष्ट्र के अनिल और स्नेहा राजगुरु ने यहाँ आने वाले मेहमानों के लिए एक खूबसूरत फार्मस्टे भी बनाया है।
सिर्फ एक साल में हरा-भरा फार्म बनाया
उन्होंने काफ़ी रिसर्च और ट्रेनिंग के बाद परमाकल्चर खेती के बारे में अच्छे से जाना और सस्टेनेबल जीवनशैली का महत्व समझते हुए इस पिता-पुत्री की जोड़ी ने तलेगाँव के पास दो एकड़ ज़मीन खरीदकर खेती करना शुरू किया। इस तरह सिर्फ एक साल में उन्होंने यहाँ एक खूबसूरत, हरा-भरा फार्म बना दिया।
खेती में नए अनुभव लेने आते हैं लोग
सस्टेनेबल फार्मिंग की जानकारी के साथ-साथ अनिल और स्नेहा ने मेहमानों के लिए एक खूबसूरत फार्मस्टे भी बनाया है। बहुत से लोग यहां खेती में नए अनुभव के लिए आते हैं, और आर्गेनिक और ताज़ा फल-सब्जियों का स्वाद लेते हैं। इस अनोखे फार्मस्टे को स्नेहा अपने पिता अनिल राजगुरू के साथ मिलकर चला रही हैं।