LPG की कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब इंडेन गैस कंपनी की ओर से जारी किए गए टोल फ्री नंबरों पर एक पिन कोड नंबर और डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) कोड मोबाइल फोन जरिए गैस सिलेंडर की बुकिंग के लिए उपभोक्ताओं को भेजा जाएगा।
कोड कराना होगा उपलब्ध
गैस डिलीवरी के लिए कैश मेमो जारी होते समय उपभोक्ता के रेजिस्ट्रेशन नंबर पर डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) पहुंचता है। ग्राहकों को डिलीवरी मैन को ये कोड उपलब्ध कराना होगा। जिसके बाद ही सिलेंडर उपलब्ध होगा। इसके बिना डिलीवरीमैन की ओर से संबंधित उपभोक्ता को गैस सिलेंडर की आपूर्ति नहीं की जाएगी।
बार-बार सिम बदलने पर हो सकती है दिक्कत
यह व्यवस्था जल्द ही अनिवार्य करने की प्रक्रिया चल रही है। इसे लेकर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने एडवाइजरी जारी की है। इसके बाद से गैस सिलेंडर के ब्लैकमेलिंग पर भी रोक लगा सकेगी। बार-बार सिम बदलने वाले उपभोक्ताओं को सिलेंडर लेने में भी दिक्कत हो सकती है।
जानें कैसे काम करेगा नया सिस्टम
सिलेंडर की होम डिलीवरी के लिए डीएसी यानी डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड जरूरी होगा। इसके लिए गैस एजेंसी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजेगी। उस कोड को आपको डिलीवरी मैन को दिखाना होगा। इसके बाद ही वे आपको सिलेंडर देंगे। बिना ओटीपी के डिलीवरी पूरी नहीं होगी।
पता व मोबाइल नंबर अपडेट कराना अनिवार्य
नई सिलेंडर डिलीवरी पॉलिसी में उन उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ जाएंगी, जिनका एड्रेस और मोबाइल नंबर गलत है। इस वजह से उन लोगों की सिलेंडर की डिलीवरी रोकी जा सकती है। आईल कंपनियों की तरफ से सभी ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वो अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर अपडेट करा दें ताकि उन्हें किसी तरह की कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े। हालांकि यह नियम कमर्शियल सिलेंडर के लिए लागू नहीं होगा।