You will be able to withdraw PF money directly from ATM from next year : ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ी खबर है। अगले साल की शुरुआत से पीएफ खाताधारक अपने पीएफ की रकम सीधे एटीएम से निकाल सकेंगे। श्रम सचिव सुमिता डावरा ने बुधवार को यह बड़ी घोषणा की है। श्रम मंत्रालय देश की एक बड़ी वर्कफोर्स को बढ़िया सर्विस उपलब्ध कराने के लिए अपने आईटी सिस्टम्स को अपग्रेड कर रही है। अब एक क्लेम करने वाला लाभार्थी अपने क्लेम की रकम सीधे एटीएम से पा सकता है। इससे कम से कम मानवीय हस्तक्षेप होगा और प्रक्रिया आसान हो जाएगी। कर्मचारी EPFO की वेबसाइट (https://www.epfindia.gov.in) या उमंग ऐप से आंशिक निकासी के लिए क्लेम सबमिट कर सकते हैं।
निकाल सकते हैं पीएफ का पैसा
श्रम सचिव ने कहा, 'हम मेंबर्स द्वारा फाइल किये गये क्लेम्स को क्विकली सेटल कर रहे हैं और ईज ऑफ लिविंग को इंप्रूव करने के लिए प्रोसेस को आसान बना रहे हैं। एटीएम से वह पैसा निकलेगा, जिसके लिये कर्मचारियों द्वारा क्लेम फाइल किया गया होगा। कर्मचारियों को आंशिक निकासी के लिए आवेदन करना पड़ता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में ही कर्मचारी पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं।
नए साल में दिखेगा बड़ा बदलाव
श्रम सचिव ने कहा, 'सिस्टम्स लगातार अपग्रेड हो रहे हैं। हर 2 से 3 महीने में आपको महत्वपूर्ण इंप्रूवमेंट्स देखने को मिलेंगे। मुझे विश्वास है कि जनवरी 2025 से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। जब हमारे पास ईपीएफओ में आईटी 2.1 वर्जन होगा।' हमारा लक्ष्य ईपीएफओ के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को हमारे बैंकिंग सिस्टम के समान लेवल तक लाना है। श्रम सचिव ने ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने के लिए ईपीएफओ सर्विसेज में सुधार की दिशा में सरकार के प्रयासों की भी सराहना की।
गिग वर्कर्स को मिलेंगे ये फायदे
गीग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की योजनाओं के बारे में श्रम सचिव ने कहा कि प्रोग्रेस एडवांस स्टेज में है, लेकिन उन्होंने कोई टाइमलाइन बताने से परहेज किया। उन्होंने कहा, 'बहुत काम हुआ है और हमने एक योजना की रूपरेखा तैयार की है, जिसे अब अंतिम रूप दिया जाएगा। इन बेनेफिट्स में मेडिकल हेल्थ कवरेज, पीएफ और विकलांगता के मामले में वित्तीय सहायता शामिल हो सकती है।'
समिति का गठन किया गया है
गीग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी लाभ प्रदान करने के लिए एक फ्रेमवर्क का प्रस्ताव देने के लिए विभिन्न स्टैकहोल्डर्स के प्रतिनिधियों वाली एक समिति का गठन किया गया है। गीग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को पहली बार 2020 के सामाजिक सुरक्षा संहिता में परिभाषित किया गया था, जिसे संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था। संहिता में उनकी सामाजिक सुरक्षा और कल्याण से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
काफी घटी बेरोजगारी : सुमिता
श्रम सचिव ने बेरोजगारी के मुद्दे पर कहा कि बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। उन्होंने कहा, "2017 में बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत थी। आज, यह घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है। इसके अलावा, हमारी वर्कफोर्स बढ़ रही है। श्रम शक्ति भागीदारी दर बढ़ रही है और वर्कर पार्टिसिपेशन रेश्यो, जो यह दर्शाता है कि वास्तव में कितने लोग कार्यरत हैं, 58 फीसदी तक पहुंच गया है और बढ़ रहा है।" बता दें ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में 7 करोड़ एक्टिव कंट्रीब्यूटर्स हैं।