एड्स एक बेहद गंभीर बीमारी है। बता दें कि यह एक लाइलाज बीमारी है, जो संक्रामक होती है। दुनियाभर में एड्स ने लाखों को लोगों की जान ले ली है। एड्स के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। हर साल 1 दिसंबर को दुनियाभर में एड्स दिवस मनाया जाता है। पहली बार विश्व एड्स दिवस 1988 में मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करना होता है। यह एक जानलेवा बीमारी है और दुनियाभर में कई लोगों की जान जा चुकी है।
विश्व एड्स दिवस की इस साल की थीम और महत्तव -
हर साल विश्व एड्स दिवस की थीम अलग-अलग होती है। इस साल यानी 35वें विश्व एड्स दिवस की थीम 'याद रखें और प्रतिबद्ध रहें' है। इस साल एड्स और एचआईवी के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
पिछले कई सालों से दुनियाभर में एड्स दिवस मनाया जा रहा है। यह एक जानलेवा बीमारी है। ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए इसे मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य दुनियाभर से इसे जड़ से खत्म करना है। साथ ही, सरकार को इस बीमारी के लिए दवाइयों और मौतों की संख्या को कम करना है। ताकि सरकार इस बीमारी को लेकर सजग रहें और उपचार के तरीकों का हल निकालें।
एड्स मरीज फॉलो करें ये फूड सेफ्टी टिप्स -
बिना फिल्टर का पानी न पिएं-
एड्स के मरीजों को बहुत आसानी से कोई भी बीमारी हो सकती है। खासकर, गंदा पानी पीने से उन्हें लिवर से जुड़ी बीमारियां जकड़ सकती हैं। इसलिए, विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि एड्स के मरीजों को सीधे नलके से निकल रहा पानी, तालाब या नदी का डाइरेक्ट पानी नहीं पीना चाहिए। इनमें कई तरह के जर्म्स-बैक्टीरिया होते हैं। ऐसा पानी पीने से हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। एड्स के मरीजों को चाहिए कि वे फिल्टर वाला पानी ही पिएं। जब भी घर से बाहर निकलें, पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।
कच्चे अंडे न खाएं, हो सकती है दिक्कत -
कई लोगों को कच्चे अंडे हजम नहीं होते हैं। इसमें साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया होता है। अगर किसी की पाचन क्षमता कमजोर है, तो कच्चे अंडे खाने की वजह से पेट खराब हो सकता है। एचआईवी के मरीजों के साथ भी ऐसा ही है। Hiv.gov के अनुसार, "एचआईवी के मरीजों को कच्चा अंडा, सी फूड और मीट कच्चे नहीं खाने चाहिए।" कच्चा अंडा खाने से पेट में दर्द, फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। एड्स के मरीजों को फूड प्वाइजनिंग होना सही नहीं है। वे अपनी इस बीमारी को इग्नोर नहीं कर सकते हैं, क्योंकि समय पर दवा न लेने से यह घातक साबित हो सकता है।
बिना हाथ धोए कुछ न खाएं
हम दिनभर में बहुत सारी चीजों को हाथ लगाते हैं, जिसमें अलग-अलग किस्म के बैक्टीरिया होते हैं। यही बैक्टीरिया और जर्म्स हमारे हाथों में चिपक जाते हैं। अगर हाथ धोए बिना खाना खा लिया जाए, तो ये जर्म्स-बैक्टीरिया पेट में जा सकते हैं, जो कि तकलीफ पैदा करते हैं। एड्स के मरीजों को न सिर्फ खाना खाने से पहले हाथों को धोना चाहिए, बल्कि जिस प्लेट का इस्तेमाल करेंगे, उसे भी वॉश कर लेना चाहिए। इससे बीमार होने का रिस्क कम हो जाता है।
सब्जी और फलों को बिना धोए न खाएं
कच्ची सब्जियां खाना हेल्थ के लिए अच्छी मानी जाती है। इसमें कई तरह के न्यूट्रिशन होते हैं, जो आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। लेकिन, कच्ची सब्जियों और फलों को अगर बिना धोए खाया जाए, तो यह पेट के लिए सही नहीं है। बिन धुली सब्जी या फल में जर्म्स या बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो कि खाने के दौरान पेट में जा सकते हैं। इससे पेट में दर्द, पूट में इंफेक्शन और अन्य किस्म की बीमारियां हो सकती हैं। एड्स के मरीजों को इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।