आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वंदे भारत एक्सप्रेस ने ट्रेन की पूरी कमान महिलाओं को सौंप दी है। ये फैसला आज के दिन को मद्देनजर रखते हुए लिया गया है। महिलाएं हर क्षेत्र में अपना योगदान दें रही है और सफलता हासिल कर नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। आज महिला दिवस को खास बनाने के लिए कई स्टेशनों पर "All Women's Crew" मेंबर ट्रेन चला रही हैं।
लोको पायलट से लेकर टिकट एक्जामिनर तक सब महिलायें
आपको बता दे कि ये हाई-स्पीड ट्रेन, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से शिरडी तक चलती है। आज वंदे भारत के साथ साथ कई और ट्रेनें भी हैं जो केवल महिलाएं ही चलाएंगी। ट्रेन की लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, टिकट एक्जामिनर से लेकर कैटरिंग स्टॉफ तक सभी महिलाएं शामिल है।
रेलवे ने कहा : ऐतिहासिक पल
सेंट्रल रेलवे ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया हैं। रेलवे ने अपने पोस्ट में लिखा, "ऐतिहासिक क्षण! पहली बार, पूरी तरह से महिला चालक द्वारा संचालित वंदे भारत एक्सप्रेस इस #अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सीएसएमटी से रवाना हुई! भारतीय रेलवे में महिलाओं की शक्ति, समर्पण और नेतृत्व का जश्न मनाने का एक गौरवपूर्ण क्षण!"
ट्रेन की कमान सुरेखा यादव के हाथ
वंदे भारत ट्रेन की कमान एशिया की पहली महिला लोको पायलट, सुरेखा यादव और सहायक लोको पायलट सुनीता कुमारी संभालेंगी। 58 वर्षीय सुरेखा यादव कई मायनों में एक नई मिसाल हैं। सुरेखा यादव ने अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीते हैं। सुरेखा यादव, जो भारत ही नहीं बल्कि एशिया की पहली पहली ट्रेन ड्राइवर हैं। मार्च 2023 में सुरेखा भारत की सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली महिला बनीं। सुरेखा के नाम इसके अलावा भी कई और रिकॉर्ड हैं।