जालंधर वेस्ट उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल की उम्मीदवार सुरजीत कौर आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गई। जिसके बाद जालंधर कैंट से अकाली दल के इंचार्ज हरजाप सिंह संघा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सुरजीत कौर एक बागी उम्मीदवार थी। जिन्होंने आप में शामिल होने का फैसला लिया। अकाली दल इस फैसले की कड़ी निंदा करता है।
पहले ही पार्टी ने सुरजीत से समर्थन वापस लिया
बता दें कि अकाली दल में बगावत होने के बाद पार्टी ने सुरजीत कौर को समर्थन देने से इंकार कर दिया था। हरजाप ने कहा कि साफ है कि कई बागी नेताओं ने अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए राजनीतिक विश्वासघात का रास्ता चुना है। इसीलिए पार्टी ने पहले ही सुरजीत कौर से अपना समर्थन वापस ले लिया था। ये बागी नेता हितधारकों सहित पंजाब के लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे।
माफीनामे का झूठा नाटक करके आंखों में धूल झोंक रहे
उन्होंने दरबार साहिब में जाकर कबूलनामे और पश्चाताप का झूठा नाटक करके लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की है। लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त साहिब, जो सिखों की राजनीतिक शक्ति है, पर ईमानदारी से माफी मांगी। ये बागी नेता केवल अपने निजी हितों के लिए संगत की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
पार्टी विरोधी गतिविधियां बर्दाशत नहीं
हरजाप का कहना है कि अकाली दल साफ कर देना चाहता है कि पार्टी विरोधी गतिविधियां बर्दाशत नहीं की जाएंगी। उन नेताओं को बख्शा नहीं जाएगा जो अकाली दल में तो है लेकिन भाषा केंद्रीय पार्टियों की बोल रहे हैं। उनके निजी हितों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है और वे हार का दोष दूसरों पर थोप रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल हमेशा पंजाब के लोगों के हितों के लिए काम करता रहेगा।