web khabristan hindi news portal
 
  • icon पढ़िए
  • iconदेखिए
  • iconਖbristan
  • Khabristan
×
  • देश
  • पंजाब
  • धर्मायनमः
  • दुनिया
  • बॉली-पॉली
  • खेल
  • चुनाव
  • शिक्षा
  • पब्लिक-इंटरस्ट
  • तंदरुस्तायेनमः
  • कहिये
☰
  • देश
  • पंजाब
  • धर्मायनमः
  • दुनिया
  • बॉली-पॉली
  • खेल
  • चुनाव
  • शिक्षा
  • पब्लिक-इंटरस्ट
  • तंदरुस्तायेनमः
  • कहिये
  • देश
  • पंजाब
  • धर्मायनमः
  • दुनिया
  • बॉली-पॉली
  • खेल
  • चुनाव
  • शिक्षा
  • पब्लिक-इंटरस्ट
  • तंदरुस्तायेनमः
  • कहिये

कानून की शक्ल में उत्तराखंड में भी लागू होने जा रहा UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड, देशभर में चर्चा में आने वाला है ये मुद्दा


कानून की शक्ल में उत्तराखंड में भी लागू होने जा रहा UCC यानी
2/7/2024 5:01:10 PM         Raj        UCC , Uniform Civil Code , UCC in Uttarakhand , what is UCC              

Uniform Civil Code to be implemented in Uttarakhand as a law :  उत्तराखंड सरकार ने कल विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल पेश कर दिया। आज सदन में चर्चा के बाद इसको पास कराने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजादी के बाद पहले जनसंघ और अब बीजेपी के मुख्‍य तीन एजेंडा रहे हैं। इनमें पहला जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 को हटाना था। दूसरा, अयोध्‍या में राममंदिर का निर्माण कराना और तीसरा पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू कराना है। पहले दो एजेंडे पर काम खत्‍म हो चुका है। अब बारी यूनिफॉर्म सिविल कोड की है। उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने समान नागरिक संहिता से संबंधित बिल अपने यहां पेश कर दिया है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो ये बिल कानून की शक्ल में राज्य में लागू भी हो जाएगा। हालांकि केंद्र भी इस पर काम कर रहा है। देश के 22वें विधि आयोग ने पिछले साल 14 जून को यूसीसी पर सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों के विभिन्‍न पक्षों से 30 दिन के भीतर अपनी राय देने को कहा था। कहा जा सकता है कि ये मुद्दा फिर देशभर में चर्चा में आने वाला है, क्योंकि बीजेपी शासित कई राज्य लागू कर सकते हैं। 

यूनिफॉर्म सिविल कोड या यूसीसी है क्‍या?

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम। दूसरे शब्‍दों में कहें तो समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे। संविधान के अनुच्छेद-44 में सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है। अनुच्छेद-44 संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है। इस अनुच्छेद का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ के सिद्धांत का पालन करना है। 

पहली बार कब हुआ था यूसीसी का जिक्र

समान नागरिक कानून का जिक्र 1835 में ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट में भी किया गया था। इसमें कहा गया था कि अपराधों, सबूतों और ठेके जैसे मुद्दों पर समान कानून लागू करने की जरूरत है। इस रिपोर्ट में हिंदू-मुसलमानों के धार्मिक कानूनों से छेड़छाड़ की बात नहीं की गई है। हालांकि, 1941 में हिंदू कानून पर संहिता बनाने के लिए बीएन राव समिति का गठन किया गया। राव समिति की सिफारिश पर 1956 में हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों और सिखों के उत्तराधिकार मामलों को सुलझाने के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम विधेयक को अपनाया गया। हालांकि, मुस्लिम, ईसाई और पारसियों लोगों के लिये अलग कानून रखे थे।

डॉ. आंबेडकर ने यूसीसी पर क्‍या कहा था

डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि हमारे पास पूरे देश में एक समान और पूर्ण आपराधिक संहिता है। ये दंड संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता में शामिल है। साथ ही हमारे पास संपत्ति के हस्तांतरण का कानून है, जो संपत्ति और उससे जुड़े मामलों से संबंधित है। ये पूरे देश में समान रूप से लागू है। इसके अलावा नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट हैं। उन्‍होंने संविधान सभा में कहा कि मैं ऐसे कई कानूनों का हवाला दे सकता हूं, जिनसे साबित होगा कि देश में व्यावहारिक रूप से समान नागरिक संहिता है। इनके मूल तत्व समान हैं और पूरे देश में लागू हैं। डॉ. आंबेडकर ने कहा कि सिविल कानून विवाह और उत्तराधिकार कानून का उल्लंघन करने में सक्षम नहीं।

क्या है समान नागरिक संहिता का हाल

भारतीय अनुबंध अधिनियम-1872, नागरिक प्रक्रिया संहिता, संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम-1882, भागीदारी अधिनियम-1932, साक्ष्य अधिनियम-1872 में सभी नागरिकों के लिए समान नियम लागू हैं। वहीं, धार्मिक मामलों में सभी के लिए कानून अलग हैं। इनमें बहुत ज्‍यादा अंतर है। हालांकि, भारत जैसे विविधता वाले देश में इसको लागू करना इतना आसान नहीं है। देश का संविधान सभी को अपने-अपने धर्म के मुताबिक जीने की पूरी आजादी देता है। संविधान के अनुच्छेद-25 में कहा गया है कि कोई भी अपने हिसाब धर्म मानने और उसके प्रचार की स्वतंत्रता रखता है। 

अबतक क्‍यों लागू नहीं हो पाया यूसीसी

भारत का सामाजिक ढांचा विविधता से भरा हुआ है। हालात ये हैं कि एक ही घर के सदस्‍य अलग-अलग रीति-रिवाजों को मानते हैं। अगर आबादी के आधार पर देखें तो देश में हिंदू बहुसंख्‍यक हैं, लेकिन अलग राज्‍यों के हिंदुओं में ही धार्मिक मान्‍यताएं और रीति-रिवाजों में काफी अंतर देखने को मिल जाएगा। इसी तरह मुसलमानों में शिया, सुन्‍नी, वहावी, अहमदिया समाज में रीति रिवाज और नियम अलग हैं। ईसाइयों के भी अलग धार्मिक कानून हैं। वहीं, किसी समुदाय में पुरुष कई शादी कर सकते हैं। कहीं विवाहित महिला को पिता की संपत्ति में हिस्सा नहीं मिल सकता तो कहीं बेटियों को संपत्ति में बराबर का अधिकार दिया गया है। 

राजनीतिक दलों का क्‍या रहा है रुख

केंद्र में सत्‍तारूढ़ दल बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 के घोषणापत्र में समान नागरिक कानून बनाने का वादा किया था। वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने अगस्त 2019 में यूसीसी पर कहा था कि मोदी सरकार राजग में शिवसेना के उठाए मुद्दों को आगे बढ़ा रही है। ये देश हित का फैसला है। वहीं, विरोध कर रहे एमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अक्टूबर 2016 में कहा था कि यूसीसी सिर्फ मुसलमानों से जुड़ा मुद्दा नहीं है। पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों के लोग भी इसका विरोध करेंगे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि ये मुसलमानों पर हिंदू धर्म थोपने जैसा है। अगर इसे लागू कर दिया जाए तो मुसलमानों को तीन शादियों का अधिकार नहीं रहेगा।

शीर्ष अदालत का नागरिक संहिता पर रुख

ट्रिपल तलाक से जुड़े 1985 के चर्चित शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुच्छेद 44 एक ‘मृत पत्र’ जैसा हो गया है। साथ ही कोर्ट ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की जरूरत पर जोर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि समान नागरिक संहिता विरोधी विचारधाराओं वाले कानून के प्रति असमान वफादारी को हटाकर राष्ट्रीय एकीकरण में मदद करेगी।

बहुविवाह से जुड़े सरला मुद्गल बनाम भारत संघ मामले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि पं. जवाहर लाल नेहरू ने 1954 में संसद में समान नागरिक संहिता के बजाय हिंदू कोड बिल पेश किया था। इस दौरान उन्‍होंने बचाव करते हुए कहा था कि यूसीसी को आगे बढ़ाने की कोशिश करने का यह सही समय नहीं है।

गोवा के लोगों से जुड़े 2019 के उत्तराधिकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों की चर्चा करने वाले भाग चार के अनुच्छेद-44 में संविधान के संस्थापकों ने अपेक्षा की थी कि राज्य भारत के सभी क्षेत्रों में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश करेगा, लेकिन, आजतक इसपर कोई कदम नहीं उठाया गया। 

किस राज्‍य में लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड

समान नागरिक संहिता के मामले में गोवा अपवाद है। गोवा में यूसीसी पहले से ही लागू है। बता दें कि संविधान में गोवा को विशेष राज्‍य का दर्जा दिया गया है। वहीं, राज्‍य में सभी धर्म और जातियों के लिए फैमिली लॉ लागू है। इसके मुताबिक, सभी धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग से जुड़े लोगों के लिए शादी, तलाक, उत्‍तराधिकार के कानून समान हैं। गोवा में कोई भी ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता है। रजिस्‍ट्रेशन कराए बिना शादी कानूनी तौर पर मान्‍य नहीं होगी। संपत्ति पर पति-पत्‍नी का समान अधिकार है। हालांकि, यहां भी एक अपवाद है, जहां मुस्लिमों को गोवा में चार शादी का अधिकार नहीं है। वहीं, हिंदुओं को दो शादी करने की छूट है। हालांकि, इसकी कुछ शर्तें हैं।

अभी दुनिया के किन देशों में लागू है यूसीसी

दुनिया के कई देशों में समान नागरिक संहिता लागू है। इनमें हमारे पड़ोसी देश पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश भी शामिल हैं। इन दोनों देशों में सभी धर्म और संप्रदाय के लोगों पर शरिया पर आधारित एक समान कानून लागू होता है। इनके अलावा इजरायल, जापान, फ्रांस और रूस में भी समान नागरिक संहिता लागू है। हालांकि, कुछ मामलों के लिए समान दीवानी या आपराधिक कानून भी लागू हैं। यूरोपीय देशों और अमेरिका में धर्मनिरपेक्ष कानून है, जो सभी धर्म के लोगों पर समान रूप से लागू होता है। दुनिया के ज्‍यादातर इस्लामिक देशों में शरिया पर आधारित एक समान कानून है, जो वहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों को समान रूप से लागू होता है।

यूसीसी के बाद क्या होने जा रहे बदलाव

अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ा दी जाएगी। इससे वे कम से कम ग्रेजुएट तक की पढ़ाई पूरी कर सकेंगी। वहीं, गांव स्‍तर तक शादी के पंजीकरण की सुविधा पहुंचाई जाएगी। अगर किसी की शादी पंजीकृत नहीं होगी तो दंपति को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। पति और पत्‍नी को तलाक के समान अधिकार मिलेंगे। एक से ज्‍यादा शादी करने पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। नौकरीपेशा बेटे की मौत होने पर पत्‍नी को मिले मुआवजे में माता-पिता के भरण पोषण की जिम्‍मेदारी भी शामिल होगी। उत्‍तराधिकार में बेटा और बेटी को बराबर का हक होगा। 

ये सभी बड़े बदलाव भी किए जाएंगे लागू

पत्‍नी की मौत के बाद उसके अकेले माता-पिता की देखभाल की जिम्‍मेदारी पति की होगी। वहीं, मुस्लिम महिलाओं को बच्‍चे गोद लेने का अधिकार मिल जाएगा। उन्‍हें हलाला और इद्दत से पूरी तरह से छुटकारा मिल जाएगा। लिव-इन रिलेशन में रहने वाले सभी लोगों को डिक्लेरेशन देना पड़ेगा। पति और पत्‍नी में अनबन होने पर उनके बच्‍चे की कस्‍टडी दादा-दादी या नाना-नानी में से किसी को दी जाएगी। बच्‍चे के अनाथ होने पर अभिभावक बनने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। बता दें कि भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान ‘आपराधिक संहिता’ है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है। समान नागरिक संहिता लागू होते ही ये सभी नियम खत्म हो जाएंगे। हालांकि, संविधान में नगालैंड, मेघालय और मिजोरम के स्‍थानीय रीति-रिवाजों को मान्यता व सुरक्षा देने की बात कही गई है। 

'UCC','Uniform Civil Code','UCC in Uttarakhand','what is UCC'
khabristan whatsapp

Please Comment Here

Similar Post You May Like

  • उत्तराखंड में लागू होगा UCC

    उत्तराखंड में लागू होगा UCC , क्या बदलेगा, क्या नहीं यहां जानें

  • कानून की शक्ल में उत्तराखंड में भी लागू होने जा रहा UCC यानी

    कानून की शक्ल में उत्तराखंड में भी लागू होने जा रहा UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड, देशभर में चर्चा में आने वाला है ये मुद्दा

  • अमित शाह ने बताया क्यों देश में ला रहे UCC

    अमित शाह ने बताया क्यों देश में ला रहे UCC , कहा- शरिया लाना है तो पूरा लाओ

  • सरकार बनते ही पूरे देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता, गृहमंत्री

    सरकार बनते ही पूरे देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता, गृहमंत्री अमित शाह बोले- धारा 370 को कॉन्ग्रेस ने बच्चे की तरह पाला

  • उत्तराखंड देश में UCC लागू करने वाला पहला राज्य,

    उत्तराखंड देश में UCC लागू करने वाला पहला राज्य, आएंगे यह बड़े बदलाव

Recent Post

  • अब अमृतसर से Direct Italy जाएगी फ्लाइट,

    अब अमृतसर से Direct Italy जाएगी फ्लाइट, NEOS एयरलाइंस ने शुरु की बुकिंग

  • Rajasthan में भूस्खलन से 4 लोगों की मौत,

    Rajasthan में भूस्खलन से 4 लोगों की मौत, बचाव कार्य जारी

  • जालंधर में डायमंड डेकोरेटर बिल्डिंग में लगी भीषण आग,

    जालंधर में डायमंड डेकोरेटर बिल्डिंग में लगी भीषण आग, लोगों में मचा हड़कंप

  • Ahmedabad Plane Crash: हर एंगल से होगी हादसे की जांच,

    Ahmedabad Plane Crash: हर एंगल से होगी हादसे की जांच, केंद्रीय मंत्री ने कह डाली ये बात

  • पंजाब में क्रिकेट खेलते युवक को आया हार्ट अटैक,

    पंजाब में क्रिकेट खेलते युवक को आया हार्ट अटैक, हुई मौ'त, आखिरी पल का VIDEO आया सामने

  •  पंजाब में सिलेंडर ब्लास्ट से बड़ा हादसा,

    पंजाब में सिलेंडर ब्लास्ट से बड़ा हादसा, एक की मौ'त, 2 गंभीर रूप से घायल

  • पंजाब के इन Students को होगा फायदा,

    पंजाब के इन Students को होगा फायदा, सरकार ने उठाया कदम कैबिनेट मंत्री ने किया ऐलान

  • पंजाब में आम आदमी पार्टी का बड़ा कदम,

    पंजाब में आम आदमी पार्टी का बड़ा कदम, मौजूदा विधायक कुवंर विजय प्रताप को किया पार्टी से बाहर

  • सुबह सुबह भूकंप के झटके से कांपा पाकिस्तान,

    सुबह सुबह भूकंप के झटके से कांपा पाकिस्तान, घरों से बाहर निकले लोग

  • अब बेअदबी करने वालों पर सख्त हुई मान सरकार,

    अब बेअदबी करने वालों पर सख्त हुई मान सरकार, कह डाली ये बात

Popular Links

  • हमारे बारे में
  • टर्म्स ऑफ यूज़
  • प्राइवेसी पॉलिसी
  • हमसे संपर्क करें
  • हमसे जुड़ें

ऐप डाउनलोड करें

हमसे संपर्क करें

Copyright © 2025

Developed BY OJSS IT CONSULTANCY