ख़बरिस्तान नेटवर्क : नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो की इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। ब्लॉक एवरीथिंग नाम से शुरू मुहिम में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल और सड़कों पर और हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। सुरक्षा के लिए सरकार ने 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया है।
जानें क्या ब्लॉक एवरीथिंग है
दरअसल ब्लॉक एवरीथिंग कोई सामान्य प्रदर्शन नहीं है। यह आंदोलन इस विचार पर आधारित है कि देश की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था अब जनता के काम की नहीं रही। शुरुआत दक्षिणपंथी समूहों ने की थी, लेकिन अब इसे वामपंथ और अतिवामपंथी ताकतों ने अपने कब्जे में ले लिया है।
प्रदर्शनकारियों का सीधा संदेश है कि अगर सिस्टम काम नहीं करता, तो देश की मशीनरी को रोक दो। इसी सोच के चलते उन्होंने हाईवे, शहरों और परिवहन तंत्र को ठप करने का ऐलान किया। यही वजह है कि इसे ब्लॉक एवरीथिंग यानी सब कुछ रोक दो कहा जा रहा है। सरकार ने 80,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया है, जिनमें से 6,000 सिर्फ पेरिस में मौजूद हैं।
इस कारण बिगड़े हालात
बतातें चलें कि लेकोर्नू ने संसद में भरोसा खो चुके पूर्व पीएम फ्रांस्वा बायरो की जगह ली है। बायरो को सोमवार रात अपने ही आत्म-विश्वास मत में हारने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। बायरो ने देश का कर्ज कम करने के लिए करीब £35 अरब (लगभग 3.7 लाख करोड़ रुपये) की कटौती योजना पेश की थी, लेकिन यह सख्त कदम जनता को रास नहीं आया और उनकी सरकार गिर गई। जिस कारण हालात बिगड़ गए हैं।