आज कल के लाइफ स्टाइल का असर न सिर्फ बड़ों पर पर पड़ रहा है बल्कि बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। दरअसल आज कल बच्चे के जन्म के 12 से 14 साल की उम्र में उसके शरीर में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। वहीँ बहुत से ऐसे मामले सामने भी आ रहे हैं। मेडिकल की भाषा में इसको अर्ली प्यूबर्टी कहा जाता है। जिसमे उम्र से पहले शरीर में काफी बदलाव होते हैं जिसकी वजह से वे कई समस्याओं का शिकार भी हो सकते हैं। ऐसे में इसके संकेत को समझना बेहद ज़रूरी हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक आमतौर पर लड़को में प्यूबर्टी की उम्र 12 से 14 साल के बीच की होती है। वहीं लड़कियों में 10 से 13 साल की उम्र में प्यूबर्टी ब्रेक होती है। लेकिन आज के लाइफस्टाइल के हिसाब से अर्ली प्यूबर्टी का शिकार लड़के और लड़कियां हो रहीं हैं।
अर्ली प्यूबर्टी क्या है
दरअसल एक्सपर्ट्स के मुताबिक शरीर में अर्ली प्यूबर्टी आने का कारण हार्मोन में बदलाव का होना हैं। वहीं लड़कों के शरीर में 9-10 साल की उम्र में ही बदलाव आने लगते हैं। ऐसे में छोटी उम्र में इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना बच्चों की हेल्थ के लिए सही नहीं हैं। बता दें अर्ली प्यूबर्टी में लड़कियों में ब्रेस्ट का आकार बढ़ जाता है और उसमें पहले पीरियड 8 से 9 साल की उम्र में होने लगते हैं। लड़कों में पेनिस के साइज का बढ़ना और भारी आवाज होना, प्यूबिक या अंडरआर्म के बालो की तेजी से ग्रोथ और मुंहासे आना अर्ली प्यूबर्टी के ही लक्षण होते हैं।
ख़राब खानपान भी इसका एक कारण
इसके अलावा ओबेसिटी यानी मोटापा और खराब खानपान भी इसके मुख्य कारण हैं। बहुत बार जेनेटिक्स की वजह से भी अर्ली प्यूबर्टी की शुरुआत हो जाती है। अर्ली प्यूबर्टी के कारण शरीर में काफी परेशानी भी हो सकती है। अर्ली प्यूबर्टी की वजह से लड़कियों में पीरियड्स उम्र से पहले शुरू हो जाते हैं। जिसके कारण उन्हें शरीर मे बदलाव महसूस होने लगते हैं और इसका सीधा असर मेंटल हेल्थ पर पड़ सकता है। ऐसा होने पर बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं। जिसके दौरान वे खुद को समाज से अलग करने लगते हैं। अर्ली प्यूबर्टी का शिकार हुए कुछ बच्चों में वजन बढ़ने की समस्या भी दिखती है।
अर्ली प्यूबर्टी से बचाव कैसे करें
- इसके लिए बच्चे एक्सरसाइज करें
- बच्चों को विटामिन, मिनरल और फाइबर वाले फूड्स जरुर खिलाएं
- जंक फूड्स से उनकी दूरी बना दें
- उन्हें स्ट्रेस फ्री और खुश रखें