इस साल 2024 का दूसरा चंद्रग्रहण 18 सितंबर को लगने जा रहा है। यह चंद्रग्रहण भारतीयनुसार सुबह 7 बजकर 43 मिनट पर शुरू होकर 8 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
इन देशों में दिखाई देगा
यह ग्रहण यूरोप, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, आकंटिक और उत्तर, पश्चिम और उत्तरी अमरीका आदि देशों में दिखाई देगा। पंडित शिवकुमार ने कहा कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका कोई भी धार्मिक महत्व और न ही इसका सूतक काल लागू होगा। उन्होंने कहा कि जिस देश में ग्रहण दिखाई नहीं देता है तो उसका उस पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
कब लगता है चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सीधे चंद्रमा और सूर्य के बीच में होती है। पृथ्वी सूर्य से आने वाली रोशनी को रोकती है, जिससे चंद्रमा पर छाया पड़ती है। छाया की वजह से चंद्रमा बहुत धुंधला दिखाई देता है और कभी-कभी चंद्रमा की सतह पर एक चमकदार लाल रंग दिखाई देता है।
चंद्रमा लाल दिखाई देता है क्योंकि इसे रोशन करने वाली रोशनी को पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरना पड़ता है, जो नीली रोशनी को बिखेरता है और लाल रोशनी को चंद्रमा की ओर मोड़ता है (या अपवर्तित करता है)।
लाल रंग की गहनता इस बात से निर्धारित होती है कि चंद्रमा पृथ्वी की छाया में कहां है। चंद्रमा तब गहरा लाल दिखाई देता है जब वह छाया के सबसे अंधेरे हिस्से में होता है, जिसे अम्ब्रा कहा जाता है और अगर वह आंशिक छाया या पेनम्ब्रा में होता है तो उसका रंग हल्का लाल होता है।