भारत के संविधान निर्माता Dr. BR Ambedkar की अमेरिका की वॉशिंगटन में सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया। मैरीलैंड में अनावरण के दौरान 500 से ज्यादा भारतीय मूल के लोग मौजूद रहे, और उन्होंने 'जय भीम' के नारे लगाए। बता दें कि डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा को 'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी' का नाम दिया गया है।
इसलिए दिया गया यह नाम
डॉ. अंबेडकर की यह मूर्ति वॉशिंगटन डीसी के मेरीलैंड में स्थापित की गई है। इस मूर्ति की उंचाई 19 फीट है। वहीं अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के अध्यक्ष राम कुमार ने कहा कि असमानता सिर्फ भारत नहीं पूरी दुनिया में समस्या है। इसलिए बाबा साहेब की मूर्ति को स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी नाम दिया गया है।
लोगों ने बारिश के बीच 10 घंटे का सफर तय किया और इस कार्यक्रम में शामिल हुए। अंबेडकर की प्रतिमा को मूर्तिकार राम सुतार ने बनाया है। वो इससे पहले दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भी बना चुके हैं। सरदार पटेल की ये मूर्ति गुजरात में बनाई गई है।
PM मोदी ने भेजी शुभकामनाएं
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डॉ. अंबेडकर की मूर्ति के अनावरण पर पीएम मोदी का मैसेज शेयर किया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर के अनुयायियों ने एकजुट भारत की नींव न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में रखी है। वहीं दलित इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रवि कुमार ने कहा- पहले अंबेडकर की पहचान सिर्फ एक दलित लीडर के तौर पर थी। अब उनकी पहचान उस नेता के तौर पर है जिन्होंने महिलाओं और पिछड़ों के उत्थान के लिए काम किया। अब दुनिया के गरीब देश उनके विचारों पर चलने लगे हैं।
डॉ. भीमराव अंबेडकर
डॉ. BR अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू जिले में एक महार परिवार में हुआ था। महार जाति को उस समय बहुत ही पिछड़ा माना जाता था। बाबा साहेब के पिता सेना में ही थे और नौकरी के सिलसिले में यहां रहा करते थे। उनके पुरखे महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबाडावे गांव से थे।
1906 में भीमराव अंबेडकर की पहली शादी रमाबाई से हुई। रमाबाई ने उनकी पढ़ाई में बहुत मदद की। दोनों के 5 बच्चे थे, इनमें से केवल यशवंत अंबेडकर जीवित रहे। 27 मई 1935 को लंबी बीमारी के बाद रमाबाई की मौत हो गई।