Saina Nehwals reaction is an eye opener for sports lovers : भारत की स्टार शटलर सायना नेहवाल ने क्रिकेट को लेकर कुछ ऐसी बातें कही हैं, जो भारत में खेल प्रेमियों की आंखें खोलने वाला है। सायना नेहवाल का मानना है कि क्रिकेट को जितना अटेंशन मिलता है, वह सही नहीं है और यह देखकर उन्हें बुरा भी लगता है। सायना नेहवाल अपने पति पी कश्यप के साथ निखिल विजयेन्द्र के पॉडकास्ट में आई थीं और उन्होंने इस दौरान कई सारी चीजों पर चर्चा की। जिसमें उन्होंने बताया कि किस तरह से देश में खेल को लेकर कल्चर बदला है और उन्हें कई बार यह सपने जैसा लगता है। सायना नेहवाल भारत की स्टार शटलर हैं, जिन्होंने 2012 ओलंपिक गेम्स में ब्रोन्ज मेडल जीता था। इसके अलावा सायना ने 2015 वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर और 2017 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रोन्ज मेडल जीता है। 2010 और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में सायना नेहवाल ने गोल्ड मेडल जीते हैं।
हमने भी लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है
सायना नेहवाल ने निखिल विजयेन्द्र सिम्हा के पॉडकास्ट में कहा, 'आज हर लड़की इंडिया में बैडमिंटन खेलना चाहती है, आज भारत में देख रहे हैं कि सायना नेहवाल क्या कर रही है, पहलवान क्या कर रहे हैं, मुक्केबाज क्या कर रहे हैं, मीराबाई चानू क्या कर रही है, विनेश फोगाट क्या कर रही है, हर एक खेल में... नीरज चोपड़ा क्या कर रहे हैं, लोग जानते हैं। सब जानते हैं इन सभी खिलाड़ियों को... क्यों? क्योंकि हमने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, और हम लगातार अखबारों में रहे हैं। यही वजह है कि लोग हमें जानते हैं। मुझे कभी-कभी ये सपने जैसा लगता है।
यहां सारी अटेंशन क्रिकेट को मिलती है
क्योंकि हमने इंडिया में ऐसा कर दिया, क्योंकि यहां कल्चर ऐसा नहीं है स्पोर्ट्स का, कई बार हमें बहुत बुरा लगता है कि क्रिकेट को सारी अटेंशन मिलती है। एक चीज है क्रिकेट के बारे में, अगर आप बैडमिंटन, बास्केटबॉल, टेनिस और हां बाकी खेलों को देखेंगे, तो ये सभी खेल फिजिकली काफी ज्यादा मुश्किल हैं। आपके पास इतना समय ही नहीं होता है कि आप शटल उठाए हैं और सर्व करें, आप इतने तेज हांफ रहे होते हैं... यहां सारी अटेंशन क्रिकेट को मिलती है। मुझे लगता है निजी तौर पर कहूं तो स्किल्स ज्यादा जरूरी है।