SILK Eye Surgery, Eyesight will return in five minutes : आजकल लाइफस्टाइल इतनी ज्यादा व्यस्त हो चुकी है कि ज्यादातर वक्त स्मार्टफोन, टीवी और लैपटॉप पर बीतता है और इसका असर आंखों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। इससे आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है। ऐसे में हम आपको ऐसी सर्जरी के बारे में बता रहे हैं, जिसमें न तो कोई चीरा लगाया जाएगा और न ही कोई टांका लगेगा। सिर्फ पांच मिनट की सर्जरी से ही आपकी आंखों की रोशनी बेहतर हो जाएगी। इस सर्जरी का नाम सिल्क आई सर्जरी (SILK Eye Surgery) है, जो इस वक्त सुर्खियों में है। इसके अलावा डॉक्टर को अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए। इस सर्जरी को कराने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
सुर्खियों में हैं सिल्क आई सर्जरी
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में सिल्क आई सर्जरी को लेकर एक स्टडी प्रकाशित हुई थी। इसमें बताया गया था कि इस सर्जरी में सेकेंड जेनरेशन फेम्टोसेकेंड लेजर टेक्निक यूज की जाती है। इस सर्जरी के माध्यम से कॉर्निया को दोबारा नया आकार दिया जाता है, जो एकदम सटीक होता है। खास बात यह है कि इस सर्जरी में किसी भी तरह का चीरा नहीं लगाया जाता है।
पांच मिनट में हो जाती है सर्जरी
जानकारी के मुताबिक इस सर्जरी को अंजाम देने से पहले मरीज की आंखें टेस्ट की जाती हैं। इसके बाद आंखों को सुन्न करने वाली आई ड्रॉप इस्तेमाल की जाती है। सर्जन फेमटोसेकेंड लेजर का इस्तेमाल करते हैं और कॉर्निया में बेहद छोटा चीरा लगाते हैं। इसके बाद कॉर्निया में लेंटीकुल बनाया जाता है। डॉक्टरों की मानें तो इस दौरान एक आंख को लेजर करने में सिर्फ 10 से 15 सेकेंड लगते हैं। वहीं, सिर्फ पांच मिनट में पूरी सर्जरी हो जाती है।
इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
सिल्क आई सर्जरी कराने के लिए मरीज की उम्र कम से कम 22 साल होनी चहिए। यह सर्जरी डायबिटिक मरीजों को नहीं करानी चाहिए। वहीं, गर्भवती और बच्चों को फीड कराने वाली महिलाओं को भी परहेज करने की जरूरत होती है। खास बात यह है कि इस सर्जरी से मायोपिया के मरीजों को काफी ज्यादा फायदा होता है। इस सर्जरी को कराने से पहले आई टेस्ट जरूर कराएं।