पंजाब में कोयले की सप्लाई का असर बिजली के उत्पादन पर दिखने लगा है। क्योंकि पिछले 21 दिन से गोइंदवाल थर्मल प्लांट का एक यूनिट बंद पड़ा है। जिस वजह से PSPCL (पंजाब स्टेट पॉवरकॉम कॉरपोरेशन लिमिटेड) को दूसरे राज्यों से 114.36 करोड़ रुपए की बिजली खरीदनी पड़ रही है।
पंजाब 68 टन रह गया कोयला
पंजाब में रेल से रोजाना 27 से 30 रैक कोयले के रैक पहुंचते हैं। एक रैक में करीब 4 हजार मीट्रिक टन कोयला होता है। इस तरह ही30 रैक में 1.20 लाख मीट्रिक टन कोयला पंजाब के थर्मल प्लांटों में पहुंचता है। लेकिन इन दिनों में कोयले की सप्लाई में कमी आई है। जिस कारण पंजाब के पास सिर्फ 68 मीट्रिक टन कोयला ही रह गया है।
किन प्लांटों में है कितना कोयला
पंजाब के लहरा मुहबत प्लांट में प्रति दिन 12.6 टन, रोपड़ में 11.8, गोइंदवाल साहिब में 7.8, रोपड़ 16.1, तलवंडी साबो में 27.3 मीट्रिक टन कोयले की जरूरत है। 17 अक्टूबर को लहरा मुहबत में 23 मीट्रिक टन, रोपड़ और गोइंदवाल साहिब में 04, राजपुरा में 24 और तलवंडी साबो में 13 मीट्रिक टन कोयला पहुंचा है।
तलवंडी साबो में 2 दिन, गोइंदवाल साहिब में ढाई दिन, राजपुरा में 9 दिन और लहरा मुहबत में 10 दि नऔर रोपड़ में साढ़े 23 दिन का कोयला मौजूद है।