पंजाब के स्पीकर ने केंद्र के चलाए जा रहे नदियों को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट को लेकर खुश नहीं है और इस पर अपनी असहमति जताई है। पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने नदियों को आपस में जोड़ने वाले प्रोजेक्ट को प्राकृतिक प्रणाली के साथ छेड़छखानी करना बताया है। इससे कृषि उत्पादता और मानसून पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।
प्राकृतिक प्रणाली के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए
स्पीकर संधवां ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना का उद्घाटन किया है। हालांकि केंद्र सरकार ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल संसाधनों का पुनर्वितरण करने का उद्देश्य बताया है। लेकिन वैज्ञानिक शोध दर्शाते हैं कि इस प्रकार का हस्तक्षेप प्राकृतिक जल विज्ञान प्रणालियों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
देश के कई क्षेत्रों पर पड़ सकता है असर
उन्होंने चिंता व्यक्त की कि बड़े पैमाने पर जल विज्ञान में परिवर्तन मानसून के स्थापित पैटर्न को बिगाड़ सकते हैं, जिससे कृषि स्थिरता को खतरा हो सकता है और देशभर में कई क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है। पानी के संरक्षण और पुनर्चक्रण पहलों को प्राथमिकता देने का समर्थन किया और उन्नत जल शोधन और शुद्धिकरण कार्यक्रमों को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।