पंजाब और हिमाचल में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। मौसम विभाग ने 5 और 6 अक्टूबर को भारी बारिश और 7 अक्टूबर को मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तर पश्चिम भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव होने से अगले कुछ दिनों तक बारिश की आशंका बनी हुई है।
इसे देखते हुए पंजाब से लेकर हिमाचल तक हाई अलर्ट जारी किया गया है। रणजीत सागर डैम, भाखड़ा डैम और पौंग डैम से पानी छोड़ा जा रहा है ताकि डैमों में जगह खाली की जा सके।पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने जानकारी दी कि भाखड़ा डैम के गेट 2 फीट खोलकर करीब 7 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे सतलुज नदी का जलस्तर आधा फीट तक बढ़ेगा।
अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने चेतावनी दी है कि बारिश और डैमों से छोड़े जा रहे पानी के कारण रावी और ब्यास नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि 10 अक्टूबर तक कोई भी नदी पार करने का प्रयास न करे और किसान-पशुपालक अपने पशुओं को नदी किनारे या पानी के भीतर न ले जाएं।
शनिवार सुबह रणजीत सागर डैम (थीन डैम) से करीब 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो सीधे रावी नदी में बहता है। इससे गुरदासपुर, अमृतसर और फिरोजपुर जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
वहीं, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने पौंग डैम से 82 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है। हिमाचल में अगले 3 दिन भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए यह कदम उठाया गया। इससे ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे हिमाचल के इंदौरा-फतेहपुर क्षेत्र और पंजाब के होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों में नुकसान की आशंका जताई गई है।