लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू ने आज केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पेश अपने कार्यकाल के आखिरी बजट सिर्फ कागजी पुलिंदा करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस बजट ने देश की आम जनता की उम्मीदें तोड़ कर रख दी है क्योंकि इसमें युवाओं, दलित व पिछड़े वर्ग से संबंधित लोगों और हमारे देश के किसानों के कल्य्ण लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।
नौकरियों को लेकर बजट में कोई जिक्र नहीं
सांसद सुशील रिंकू ने कहा कि देश के युवाओं को सरकार ने कितनी नौकरियां दी और कितनी नई नौकरियों के अवसर पैदा किए जाएंगे। इस बारे में बजट में कोई जिक्र नहीं है। ठीक इसी तरह दलित और पिछले वर्ग से संबंधित लोगों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया ताकि उनका कल्याण हो सके।
बजट में किसानों को अनदेखा किया गया
उन्होंने कहा कि दलित व पिछड़े वर्ग से संबंधित लोगों की भलाई के लिए कोई नई स्कीम इस बजट में नहीं लाई गई और ना ही उनके लिए अलग से बजट में कोई प्रावधान किया गया है। जोकि सीधे तौर पर गरीब व दलित वर्ग की अनदेखी है। हमारे अन्नदाता, हमारे किसान भाइयों के उत्थान और उन्हें कर्ज से निकलने के लिए सरकार ने इस बजट में कोई व्यवस्था नहीं की और किसानों को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है।
बजट से लोगों को निराशा हुई है
सुशील रिंकू ने कहा कि सिर्फ पंजाब में ही लगभग 17 लाख किसानों को पीएम सम्मान योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया है तो न जाने पूरे देश में कितने किसान होंगे जिन्हें इस तरह से लाभ से वंचित किया गया है। इस बजट से देश के लोग पूरी तरह से निराशा है और इसका खामी अब मोदी सरकार को आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा क्योंकि देश के लोग उन्हें सत्ता से बाहर फेंकेंगे।