आज बजट 2024 पेश हो गया है। वहीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम को बढ़ाने को कहा है। उन्होंने कहा हमारी सरकार विनिमार्ण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देकर इलेक्ट्रिक व्हीकल ईकोसिस्टम का विस्तार और इसे मजबूत करेगी।
पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक व्हीकल को फ्यूचर ऑफ मोबिलिटी मान रही है लेकिन भारत में यह फ्यूचर आफ मोबिलिटी फिलहाल प्रैक्टिकल नजर नहीं आता है। दरअसल, इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अच्छा नहीं है।
ई-बसों के अडॉप्शन को बढ़ावा दिया जाएगा
इसके अलावा उन्होंने ई-बसों के अडॉप्शन को बढ़ावा देने की भी बात कही। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क में ज्यादा से ज्यादा ई-बसों के अडॉप्शन को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिज्म की मदद ली जाएगी।
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल अभी भी महंगे
कीमत: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अभी भी ICE व्हीकल्स की तुलना में ज्यादा महंगे हैं। इसका कारण यह है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बैटरी महंगा कंपोनेंट है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी जरूरत से कम डेवलप्ड है। यानी, इलेक्ट्रिक व्हीकल मालिकों को लंबी यात्रा के दौरान चार्जिंग में परेशानी होती है।
रेंज: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की रेंज अभी भी ICE व्हीकल्स की तुलना में कम है। यानी, इलेक्ट्रिक व्हीकल ओनर्स को जल्दी-जल्दी चार्जिंग की जरूरत होती है लेकिन चार्जिंग स्टेशनों की कमी है।
जैसा कि निर्मला सीतारमण ने बताया कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए काम किया जाएगा। यह होता है तो देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का अडॉप्शन भी ज्यादा तेजी से बढ़ सकता है। हालांकि, अभी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है।