नवरात्र के दिनों में प्याज की खपत कम हो जाती है। लेकिन नवरात्र खत्म होते ही त्यौहारी सीजन में प्याज ने तेजी पड़ ली है। तेजी भी ऐसी की 10 दिन पहले 15-20 रुपए किलो बिकने वाला प्याज आज 70 से 80 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। खरीफ की फसल की बुआई की देरी ने लोगों का बजट हिला दिया है। लोग अब प्याज अपनी जेब के मुताबिक खरीद और इस्तेमाल कर रहे हैं। महंगाई के कारण ही लोग आज महंगा प्याज खरीदने को मजबूर हैं।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्याज की कीमत बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। इसके खरीफ फसल की बुआई में देरी एक मुख्य कारण है। फसल की बुआई में देरी से फसल की पैदावार में देरी हुई है। जिसका असर थोक और खुदरा प्याज की कीमत पर दिख रहा है।
प्याज के भाव बढ़ने की आशंका
पुरानी सब्जी मंडी में पिछले 45 साल से सब्जी का काम करने वाले दिलदार सिंह कहते हैं कि खरीफ फसल कम हुई है। प्याज की आमद मंडी में कम हो रही है। जिसकी वजह से प्याज के भाव में तेजी आई है। अभी यह तेजी कुछ समय रहेगी। हर साल इन दिनों ऐसा देखने को मिलता है। अभी सब्जी मंडी में प्याज का खुदरा भाव 70 से 75 रुपए किलो है। इसी वजह से लोग 5-5 किलो प्याज लेने की बजाए जरूरतानुसार ही प्याज खरीद रहे हैं।
सब्जियों के लगातार बढ़ रहे दाम- खरीददार
मंडी में सब्जियां लेने आए खरीददार संत चोपड़ा ने कहा कि कुछ दिन पहले प्याज के काम बहुत कम थे। अचानक तेजी आ गई है। वह पांच किलो प्याज लेकर आए हैं। जिसके लिए उन्हें 400 रुपए कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी की जेब पर भारी असर पड़ रहा है। वह लोग घर में प्याज का इस्तेमाल अब कुछ दिन कम ही करेंगे।
दिसंबर तक कम नहीं होंगे दाम
केंद्र सरकार ने प्याज की कीमत में तेजी कम करने के लिए अगस्त महीने में ही प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया था। उसके बावजूद प्याज लोगों को रूलाने लगा है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से भी प्याज की आमद कम हुई है। साउथ में प्याज की खपत भी बढ़ी है। जिसकी वजह से वहां प्याज ज्यादा भेजा गया है।
नई फसल की आमद स्लो
इस साल खरीफ फसल की बुआई देरी से हुई है। जिसकी वजह से फसल भी देरी से मंंडी में पहुंचेगी। फसल समय पर होती तो तेजी कम होती। एक्सपर्ट की मानें तो प्याज धीरे-धीरे आना शुरू हो रहा है। लेकिन पूरी तरह बाजार में आते आते अभी डेढ़-दो महीने का समय लग सकता है। दिसंबर के मध्य तक प्याज के दामों में कमी आने की उम्मीद है।