ख़बरिस्तान नेटवर्क : इस साल श्री अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है, जिसे लेकर जम्मू में तैयारियां तेज हैं। वही आज जम्मू में ऑफलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। प्रशासन की ओर से स्पेशल रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था 2 जुलाई को जम्मू से रवाना होगा और इसके लिए प्रशासन के द्वारा कड़े इंतजाम भी किए गए हैं। यदि यात्रा अपने निजी वाहनों से यात्रा करना चाहते हैं तो भी सुरक्षा के घेरे में ही वह कश्मीर तक जाएंगे।
इसके अलावा यात्रियों के ठहरने के लिए जम्मू संभाग में 106 लॉजमेंट केंद्र भी बनाए गए हैं। आपको बता दें कि आईजीपी जम्मू भीमसेन टूटी ने खुद कहा है कि श्रद्धालुओं को अकेले यात्रा नहीं करनी चाहिए बल्कि जम्मू से रवाना होने वाले सुरक्षा काफिले के साथ ही यात्रा करनी चाहिए।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 10 अगस्त तक ड्रोन, यूएवी और गुब्बारे के किसी भी तरह के प्लेन पर बैन लगाया गया है।इसमें पहलगाम और बालटाल दोनों रास्ते शामिल हैं।
CRPF और PCR की निगरानी में रहेंगे शिवभक्त
इस बार CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने मिलकर पूरी यात्रा के लिए एक संयुक्त सुरक्षा योजना बनाई है। साथ ही डिजिटल मैपिंग भी की गई है ताकि हर इलाके पर पैनी नजर रखी जा सके। सुरक्षा के लिए ड्रोन, Bomb Disposal Squad, क्विक रिएक्शन टीम (QRT), K-9 डॉग स्क्वाड और ज्वाइंट पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) भी तैनात रहेंगे। सुरक्षा बलों की कुल 581 कंपनियां इस बार यात्रा के दौरान ड्यूटी पर रहेंगी।
चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली तैनात
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए श्रीनगर बालटाल और पहलगाम मार्ग पर चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली (एफआरएस) तैनात की है।
एफआरएस निगरानी कैमरे के फीड से चेहरे की विशेषताओं का विश्लेषण करके और उन्हें एक केंद्रीकृत डेटाबेस से मिलान करके सक्रिय आतंकवादियों और संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्करों सहित ब्लैक लिस्टेड व्यक्तियों की पहचान करता है। जब किसी चिह्नित व्यक्ति का पता चलता है, तो एक हूटर अलर्ट ट्रिगर करता है। यह सुरक्षा कर्मियों को तत्काल कार्रवाई करने और वास्तविक समय में खतरे को बेअसर करने में सक्षम बनाता है।
अमरनाथ यात्रा के हर रूट पर हजारों सीसीटीवी
इसके इलावा अमरनाथ यात्रा के हर रूट पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। ये सभी बड़े बदलाव पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आतंक पर पूरी तारा से नकली कसने के लिए उठाए जा रहे हैं है।
जाने अमरनाथ यात्रा के दोनों रूट के बारे में
पहलगाम रूट
पहलगाम रूट से गुफा तक पहुंचने में करीब 3 से 5 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। पहलगाम अमरनाथ ट्रेक का बेस कैंप है, जो अमरनाथ गुफा से 47 किमी की दूरी पर है। सभी यात्री पहलगाम से अमरनाथ तक की यात्रा पैदल कर सकते है । पहला पड़ाव चंदनवारी के बेस कैंप से लगभग 16 किमी दूर है जिसके बाद असली ट्रेक शुरू होता है। अगला पड़ाव 3 किमी पर पिस्सु टॉप है जिसके बाद, आप 9 किलोमीटर की दूरी पर शेषनाग पहुचंते है।
शेषनाग के बाद पंजतरणी आता है, जो 14 किमी दूर है। 6 किमी और चलने के बाद, आप अमरनाथ की गुफा में पहुचेंगे।
ट्रेकिंग मार्ग: पहलगाम – चंदनवारी – पिस्सु टॉप – शेषनाग- पंचतरणी – अमरनाथ गुफा
बालटाल रूट
वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन इसमें सिर्फ खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं।
किन बातों का ध्यान रखें
अमरनाथ यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। इसके साथ ही फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग और एक्सरसाइज करें।
अमरनाथ यात्रा पर ले जाने के लिए चीजें
गर्म कपड़े और ऊनी टोपी और मोज़े
हवा से बचने की जैकेट
सनस्क्रीन और कीड़ों से बचने की क्रीम
पानी से बचाने वाले जूते और कोट
ट्रेकिंग करने के लिए लाठी
स्टील की पानी की बोतल
फर्स्ट ऐड किट
अधिक बैटरी के साथ टोर्च