सुप्रीम कोर्ट में आज NEET पेपर लीक मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है। कोर्ट ने NTA को गड़बड़ी से फायदा उठाने वाले कैंडिडेंट्स की जानकारी देने और सीबीआई को जांच का अब तक का अपडेट देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी।
NTA और सरकार ने क्या कदम उठाए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है। ये समझना जरूरी है कि पेपर लीक कितना व्यापक है? सिर्फ दो लोगों की गड़बड़ी की वजह से पूरा एग्जाम कैंसिल नहीं किया जा सकता। हम ये जानना चाहते हैं कि NTA और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
CJI ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा सरकार से पूछकर बताएं कि क्या हम साइबर फोरेंसिक विभाग के डेटा एनालिटिक्स यूनिट के जरिए पता नहीं लगा सकते है कि क्या पूरा पेपर प्रभावित हुई है? क्या गलत काम करने वालों की पहचान करना संभव है? इस तरह हम उन छात्रों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं, जिन्होंने गड़बड़ी कर फायदा उठाया है।
1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया
बता दें कि इस साल 5 मई को NEET परीक्षा हुई थी। 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 24 लाख अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे, लेकिन यह परीक्षा पहले ही विवादों में आ गई थी।
पेपर लीक और 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने के बाद कई स्टूेंडट्स ने धांधली और गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने संसद में यह मुद्दा उठाया। सरकार ने सफाई दी। इस बीच राज्यों के हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा छात्रों ने खटखटाया।
38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा SC
कोर्ट 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं।
SC ने मांगी डिटेल में जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा कि 20 अंक जिन 67 स्टूडेंट्स को मिले है उनमें से कितने स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क मिले हैं, इसकी डिटेल जानकारी चाहिए। SC नेकहा कि स्टूडेंट्स को पेपर की सुबह पश्न पत्र दिया जाता या उत्तर याद करवाए जाते तो शायद लीक इतना आसान नहीं होता। अगर हम गलत काम करने वालों पहचान नहीं कर सकते, तो दोबारा पेपर का आदेश देना होगा।
जिन स्टूडेंट्स को 720 अंक मिले है उनमें से कोई रेड फ्लैग यानी खतरे का संकेत तो नही? अगर ऐसा हो तो क्या इसकी जांच हो सकती है? एक काउंसिल ने बेंच के सामने गुजरात के 56 स्टूडेंट्स वाली याचिका का जिक्र किया। इस याचिका में रीएग्जाम पर रोक लगाने की मांग की गई थी।