मुमताज ने B ग्रेड की फिल्मों से शुरुआत की , A ग्रेड फिल्मों की टाप एक्ट्रेस बनीं
खबरिस्तान नेटवर्क : एक्ट्रेस मुमताज का आज 76वां बर्थडे है। उन्होंने अपने करियर में लगभग 25 फिल्मों में काम किया था। वो 70 के दशक की ऐसी हीरोइन थीं जो सबसे ज्यादा फीस चार्ज करती थीं। हालांकि 26 साल की उम्र में करियर के पीक पर शादी कर उन्होंने सबको हैरान कर दिया था। शादी के बाद उनकी लगभग सभी फिल्में फ्लॉप रहीं।
आज मुमताज के बर्थडे पर पढ़िए उनकी लाइफ के दिलचस्प किस्से…
पेरेंट्स का तलाक हुआ, बचपन गरीबी में बीता
मुमताज का जन्म 31 जुलाई 1947 को मुंबई में अब्दुल सलीम अस्करी और शादी हबीब आगा के घर हुआ था। मूल रूप से उनका परिवार ईरान के मशहद का रहने वाला था। मुमताज के जन्म के एक साल बाद ही उनके माता-पिता का तलाक हो गया। तलाक के बाद मां मुमताज और उनकी बहन मल्लिका को लेकर अपने पीहर चली गईं। उधर पिता ने दूसरी शादी की जिससे उन्हें दो बेटे हुए।
मुमताज का बचपन बेहद गरीबी में बीता। परिवार के गुजारे के लिए मां फिल्म इंडस्ट्री में छोटे-मोटे काम करने लगीं। छोटे बच्चों को फिल्मों में काम करता देख उनकी इच्छा होती कि उनकी बेटियां भी फिल्मों में काम करें। इस वजह से वो अपनी दोनों बेटियों को सेट पर ले जाने लगीं। मां का ये सपना पूरा भी हुआ। 11 साल की खूबसूरत मुमताज को 1958 की फिल्म सोने की चिड़िया में काम करने का मौका मिला। इसके बाद वो फिल्मों में काम करती रहीं।
14 साल की उम्र में दारा सिंह के साथ काम किया
14 साल की उम्र में मुमताज ने पहली बार A ग्रेड की फिल्म गहरा दाग में काम किया था। फिल्म में उन्होंने हीरो की बहन का रोल किया था, जिसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की। इस समय इंडस्ट्री में दारा सिंह की एक्शन फिल्मों का दौर था। उनकी अधिक हाइट की वजह से कोई भी एक्ट्रेस उनके साथ काम नहीं करना चाहती थी। तब उनकी फिल्मों के डायरेक्टर मोहम्मद हुसैन की नजर मुमताज पर पड़ी, जिसे उन्होंने दारा सिंह की हीरोइन के रूप में चुन लिया। दारा सिंह ने भी इस पर सहमति जताई।
काम मिलने की ललक की वजह से मुमताज भी दारा सिंह के साथ काम करने के लिए राजी हो गईं और दोनों ने फिल्म फौलाद में पहली बार साथ काम किया। इसके बाद उनका B ग्रेड की फिल्मों में काम करना जारी रहा। वो दारा सिंह की तुलना में आधी ही फीस लिया करती थीं। मुमताज आज भी कहती हैं कि दारा सिंह की वजह से उनका करियर सफल रहा। अफवाहें ये भी थीं कि साथ काम करने के दौरान दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे। हालांकि इस पर उन्होंने कभी रिएक्ट नहीं किया। बता दें कि मुमताज की बहन मल्लिका की शादी दारा सिंह के भाई एसएस रंधावा से हुई थी।
कपूर खानदान की परंपरा की वजह से शम्मी और मुमताज का रिश्ता टूटा
1968 की फिल्म ब्रह्मचारी में शम्मी कपूर और मुमताज की जोड़ी को बहुत पसंद किया गया था। फिल्म के गाने 'आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे’ में दोनों की केमिस्ट्री शानदार थी।फिल्म की शूटिंग के दौरान शम्मी उन्हें पसंद करने लगे थे।
शूटिंग के दौरान मुमताज ने भी उनसे कहा था कि वो उनको पसंद करती हैं और वो उनके पहले क्रश हैं। जब मुमताज के दिल की बात उन्हें पता चली तो उनका झुकाव मुमताज की तरफ और अधिक हो गया। शूटिंग के दौरान उनका रिश्ता बहुत मजबूत हो गया। इंडस्ट्री में भी उनकी अफेयर की खबरें सामने आ गईं। कई साल तक दोनों रिलेशनशिप में रहे। एक दिन शम्मी ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज कर दिया, लेकिन इस प्रपोजल के साथ उन्होंने एक ऐसी बात कही जिससे उनका रिश्ता खत्म हो गया।
दरअसल, कपूर खानदान की परंपरा थी कि शादी के बाद घर की बहुएं फिल्मों में काम नहीं करती थीं। जब ये बात शम्मी ने मुमताज को बताई तो उन्होंने शादी करने से इनकार कर दिया। मना करने की वजह ये थी कि उस समय शम्मी उनसे 20 साल बड़े और एक सफल एक्टर भी थे। वहीं मुमताज को इंडस्ट्री में अभी लंबा सफर तय करना था।
मुमताज के इस फैसले से शम्मी का दिल टूट गया और उन्होंने फैसला किया कि वो कभी भी किसी एक्ट्रेस से शादी नहीं करेंगे। इसी फैसले की वजह से उन्होंने 1974 में नीला देवी से शादी कर ली।
देव आनंद की बहन के रोल का ऑफर मिला तो काम करने से इनकार किया
फिल्म तेरे मेरे सपने में देव आनंद के साथ मुमताज ने काम किया था। ये साथ में दोनों की पहली फिल्म थी। जब फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा की कहानी देव आनंद ने मुमताज को सुनाई थी तब उन्होंने काम करने से मना कर दिया था। दरअसल, देव आनंद ने पहले बहन का रोल ऑफर किया था। इस पर उनका कहना था कि वो इतने रोमांटिक हीरो की बहन का रोल हरगिज नहीं करेंगीं। उनकी ये बात सुनकर देव आनंद खूब हंसे और कहा- फिल्म में काम तो तुम करोगी, लेकिन मेरी हीरोइन बन कर।
उस वक्त एक साल में एक एक्टर सिर्फ 6 फिल्में ही साइन कर सकते थे। कोई एक्टर 7वीं फिल्म ना करे, इसकी निगरानी एक कमेटी करती थी। जब उन्होंने मुमताज के साथ साल की 7वीं फिल्म साइन की तो मुमताज को इंडस्ट्री में कुछ समय के लिए बैन कर दिया गया। शूटिंग के लिए उन्हें नेपाल जाना था, लेकिन वहां भी कमेटी ने उन्हें ना जाने देने की हर संभव कोशिश की। इस समय धर्मेंद्र ने मुमताज की मदद की और उन्हें एयरपोर्ट पर पहुंचाया।
भीड़ में जाकर मुमताज ने बचाई थी राजेश खन्ना की जान
1971 की फिल्म दुश्मन की शूटिंग एक गांव में हो रही थी। लीड में राजेश खन्ना और मुमताज थे। इस वक्त राजेश खन्ना का स्टारडम ऐसा था कि फैंस उन्हें देखकर पागल हो जाते थे। शूटिंग के दौरान जब लोगों को पता चला कि आज उनकी शूटिंग है तो उन्हें देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई। शूटिंग लोकेशन पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। भीड़ ने राजेश खन्ना को चारों तरफ से घेर लिया। कोई उन्हें छूने की कोशिश कर रहा था तो कोई उनसे बात करने के लिए तड़प रहा था। भीड़ इतनी बेकाबू थी जिससे बात उनकी जान पर भी आ सकती थी।
ये सब देख राजेश खन्ना परेशान हो गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। जब उनकी ये हालत मुमताज ने देखी तो वो भीड़ में बिना हिचक के घुस गईं और लोगों को समझा कर राजेश खन्ना को वहां से बाहर निकाला।
कम उम्र में शादी की, तो करियर में आई गिरावट
मुमताज माता-पिता के लिए हमेशा एक अच्छी बेटी रहीं। जिसका सबूत उन्होंने करियर के पीक पर शादी करने के कदम से दिया। दरअसल, जब वो करियर के पीक पर थीं, तब घरवाले चाहते थे कि वो शादी कर लें। उन्होंने परिवार का कहना मान भी लिया। 24 साल की उम्र में उनकी शादी बिजनेसमैन मयूर माधवानी से तय हो गई। फिर 26 साल की उम्र में उन्होंने शादी भी कर ली। उनके इस कदम से हर कोई हैरान था। लोगों का कहना था कि इस कदम से उनका करियर खत्म भी हो जाएगा। ऐसा हुआ भी। शादी के बाद उनकी लगभग हर फिल्में फ्लॉप ही रहीं।
पति मयूर माधवानी के साथ मुमताज।
उनकी शादी करने के कदम से राजेश खन्ना भी उनसे बहुत नाराज हो गए थे। वो नहीं चाहते थे कि मुमताज का करियर इतनी कम उम्र में ही खत्म हो जाए। एक इंटरव्यू में मुमताज ने बताया था कि उनका 3-4 बार मिसकैरेज हुआ था। कैंसर की लड़ाई में उनका साथ सिर्फ उनके पति ने ही दिया था। 1990 की फिल्म आंधियां उनके करियर की आखिरी फिल्म थी। मयूर माधवानी और उनकी दो बेटियां हैं, जिनका नाम नताशा और तान्या है।