Lame fever is spreading in Bihar, people are facing problems due to pain in legs : बिहार के कुछ इलाकों में लेम फीवर यानी लंगड़ा बुखार के मामले आए हैं। इस बुखार के कारण पैरों में दर्द होता है। ऐसे में चलने में परेशानी महसूस होती है। इस वजह से लंगड़ा बुखार कहते हैं। जिन इलाकों में लंगड़ा बुखार के केस सामने आए हैं वहां डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया भी फैला था। हालांकि लंगड़ा बुखार के संक्रमित मरीजों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हो रही है। लंगड़ा बुखार क्यों फैल रहा हैं इसकी जांच की जा रही है। हालांकि इसके कोई गंभीर लक्षण नहीं आ रहे हैं, लेकिन पैरों में दर्द के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ये जानना जरूरी है कि लंगड़ा बुखार होता कैसे है। इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं...
चलने में काफी परेशानी
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस बुखार में एड़ियों में सूजन आ जाती है और घुटनों में भी दर्द होता है। इसके साथ ही बहुत तेज फीवर होता है। इस बुखार के अधिकतर लक्षण चिकनगुनिया की तरह ही है, लेकिन यह चिकनगुनिया से काफी अलग है। इसमें चिकनगुनिया की तुलना में पैरों में काफी तेज दर्द हो रहा है। मरीज को रिकवरी में भी दो सप्ताह तक का समय लग रहा है। इस बुखार से पीड़ित मरीजों के पैरों में दर्द इतना तेज है कि चलने में भी काफी परेशानी हो रही है।
लंगड़ा बुखार के लक्षण
तेज़ बुखार
पैरों में दर्द
सूजन (टखनों और घुटनों के पास)
तेज बुखार
क्यों फैल रहा बुखार
मेडिसिन के डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि जिन इलाकों में डेंगू, मेलेरिया और चिकनगुनिया के केस आए हैं वहां ये बुखार ज्यादा फैल रहा है। ऐसे में हो सकता है कि बारिश के बाद कुछ इलाकों में किसी प्रकार का वायरस या बैक्टीरिया पनप गया हो। यह भी हो सकता है कि ये बुखार मच्छरों के काटने की वजह से फैल रहा हो, जिससे संक्रमित होने के बाद लोगों में लंगड़ा बुखार के केस आ रहे हों, लेकिन इस बुखार के फैलने के कारणों की सही तरीके से जांच जरूरी है। इस बीच यह भी देखना होगा कि जो मरीज संक्रमित हो रहे हैं उनमें बैक्टीरिया या वायरस के सैंपल तो नहीं है। अगर ऐसा मिलता है तो अन्य राज्यों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।