Know the importance of colors on Holi, who will have to play Holi with which color : रंगों से जुडी हुई हैं व्यक्ति की अनेक गहरी अनुभूतियां और उन्हीं से प्रभावित-संचालित होती हैं। व्यक्ति के जन्म से लेकर अंतिम क्षण तक नेत्र रंगों से सम्बद्ध रहते हैं। सूर्यदेव की किरणों में विद्यमान रंग इंद्रधनुष के माध्यम से व्यक्त होता है। नीला आकाश, लाल सूर्य, हरे पत्ते और विविध रंग के पुष्प-फल इस जगत की रंगमयता और महत्व को दर्शाते हैं। हजारों शब्दों से भी न व्यक्त होने वाले विचार रंगों से सहज सम्प्रेषित हो जाते हैं। आइए जानते हैं इन रंगाें का महत्व...
लाल रंग
लाल रंग से भूमि, भवन, साहस और पराक्रम के स्वामी मंगल ग्रह भी प्रसन्न रहते हैं। लाल रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। लाल रंग से होली खेलने से माना जाता है कि स्वास्थ्य और यश में वृद्धि होती है। भूमि से जुड़े कार्य करने वालों को विशेष रूप से लाल रंग से होली खेलनी चाहिए।
पीला रंग
यह रंग सौंदर्य और आध्यात्मिक तेज को तो निखरता ही है, साथ ही पीले वस्त्र धारण करने से देव गुरु बृहस्पति भी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। सोना, चांदी का व्यापार करने वालों को पीले रंग से होली खेलना शुभ माना जाता है।
नारंगी रंग
नारंगी रंग ज्ञान, ऊर्जा, शक्ति, प्रेम और आनंद का प्रतीक है। यह रंग लाल और पीले से मिलकर प्रकट होता है। जीवन में इसके प्रयोग से मंगल और बृहस्पति दोनों ग्रहों की कृपा तो बनी ही रहती है, साथ ही सूर्यदेव की भी असीम कृपा बरसती है। वे लोग इस रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं जो निराश हैं और जो डिप्रेशन का शिकार हैं।
नीला रंग
नीला रंग विष को पीकर गले में रोक लेने की क्षमता रखने वाले भगवान शिव के गुण और भाव को प्रदर्शित करता है। यह रंग साफ़-सुथरा निष्पापी, पारदर्शी, करुणामय, उच्च विचार होने का सूचक है। वास्तु में यह रंग आसमान और पानी का प्रतिनिधित्व करता है और ये रंग जल्दी ठीक होने और दर्द को कम करने में मदद करता है।
हरा रंग
हरा रंग, समृद्धि, उत्कर्ष, प्रेम, दया, प्रगति, प्रकृति, सुकून, हीलिंग, प्रचुरता, तरक़्क़ी एवं सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। हरे रंग से बुध की कृपा बनी रहती है। जिन कपल्स के रिश्ते में मनमुटाव चल रहा हो वो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। व्यापारी, शिक्षक, वकील, विद्यार्थी, लेखक को हरे रंग से होली का त्योहार मनाना चाहिए।
बैंगनी व गुलाबी रंग
पर्पल या बैंगनी रंग विलासिता, रईसी, आत्मसम्मान और संतुलन का प्रतीक है और यह पवित्रता और मासूमियत को दर्शाता है। ये रंग उन लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है जो हीनभावना से ग्रसित हों। वहीं गुलाबी रंग प्यार और रोमांस का प्रतीक है। जीवन में प्यार और रोमांस चाहने वालों को इस रंग से होली खेलनी चाहिए।