रिपोर्ट/ तरुण : जालंधर में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद मार्किट में ग्रीन पटाखे आ गए हैं। इन पटाखों के कारण एक तो पॉल्यूशन कम होगा और ये पटाखे खतरनाक भी कम हैं। पटाखा मार्किट के दुकानदारों का दावा है कि इस बार 85 फीसदी पटाखा ग्रीन है। हर एक पैकेट पर बार कोड लगा है। जहां से ग्रीन पटाखे की पहचान की जा सकती है।
बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर सख्त है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में प्रदूषण फैलाने वाले बेरियम नाइट्रेट वाले पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बजाय ग्रीन पटाखों के उपयोग को बढ़ावा दिया। वहीं व्यापारी कह रहे हैं कि इस बार पटाखा 85 फीसदी ग्रीन है, लेकिन इन पटाखों को जांचने के लिए कोई मानक नहीं है।
बार कोड से हो सकती है ग्रीन पटाखे की पहचान
कारोबारी अमित भाटिया ने कहा कि इस बार ज्यादातर पटाखा ग्रीन ही आया है। पहले पटाखों से चाहे इस बार पटाखे महंगे हैं। पर दीवाली पर पॉल्यूशन नहीं होगा। लेकिन दीवाली से पहले ये कभी नहीं देखा जाता कि पॉल्यूशन कहां से पैदा हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद सभी कारोबारी अब ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
ग्रीन पटाखे आम पटाखों से महंगे
पटाखा कारोबारी सुरेश ने बताया कि ग्रीन पटाखा आम पटाखों से महंगा होता है। लेकिन उसके बावजूद भी बिक्री होती है। ये पटाखे इसलिए मंहगे होते हैं। क्योंकि इसमें जो कैमिकल व बारुद का इस्तेमाल होता है वह ईको फ्रैंडली होता है। जिससे वातावरण भी दूषित नहीं होता। जब से सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए थे तो उसके बाद धीरे धीरे ग्रीन पटाखा मार्केट में आना शुरु हो गया।
क्या होते है ग्रीन पटाखे?
एक्सपर्ट सरबजीत ने बताया कि दरअसल ग्रीन पटाखों को बनाने में फ्लावर पॉट्स, पेंसिल, स्पार्कल्स और चक्कर का इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि ये पटाखे वायु को कम प्रदूषित करते हैं। ग्रीन पटाखे न सिर्फ आकार में छोटे होते हैं, बल्कि इन्हें बनाने में रॉ मैटीरियल का भी कम इस्तेमाल होता है। इन पटाखों में पार्टिक्यूलेट मैटर का विशेष ख्याल रखा जाता है ताकि धमाके के बाद कम से कम प्रदूषण फैले l
कैसे करें ग्रीन पटाखों की पहचान?
ग्रीन क्रैकर्स से करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर निकलता है जबकि 10 प्रतिशत गैसें उत्सर्जित होती है। ये गैस पटाखों की संरचना पर आधारित होती हैं। ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर बने क्यूआर कोड को NEERI नाम के एप से स्कैन करके इनकी पहचान की जा सकती है।
आदेशों के मुताबिक हो रहा है काम
महावीर बजरंगबली फायर वर्क्स एसोसिएशन से राजेश जैन ने बताया कि इस बार मार्किट में पहले के मुकाबले ज्यादा ग्रीन पटाखे आए हैंl जो भी हिदायतें आई हैं उसको मार्किट के लोग ध्यान में रखकर काम कर रहे हैंl
कोताही बरतने वालों के खिलाफ एक्शन लेंगे
ग्रीन पटाखे पर डीसीपी लॉ एंड आर्डर जगमोहन सिंह ने कहा कि वह खुद मौके पर जाकर इसकी चैकिंग करेंगे और अगर इस मामले में किसी भी तरह की कोताही दिखाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी करेंगेl