खबरिस्तान नेटवर्क: जालंधर में जल्द ही सतलुज दरिया का पानी आएगा और इसके लिए प्रोजेक्ट भी शुरु हो चुका है। यह पानी पाइपों के माध्यम से जालंधर आएगा और फिर उसे पीने योग्य बनाया जाएगा । इस दौरान शहर की 50 किलोमीटर लंबी प्रमुख सड़कों को खोदने का काम छह अलग-अलग स्थानों पर एकसाथ शुरू हो चुका है। लेकिन 808 करोड़ रुपए का सरफेस वाटर प्रोजैक्ट अब जालंधर शहरवासियों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है।
टूटी सड़कों, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से लोग परेशान
डॉ. अंबेडकर चौक से कपूरथला चौक (चिक-चिक चौक ) तक भी खुदाई शुरू होने वाली है। इस दौरान महावीर मार्ग पर भारी ट्रैफिक के कारण पूरा शहर अगले कई महीनों तक परेशानी झेलने को मजबूर रहेगा। ऐसे में टूटी सड़कों, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण से लोग परेशान होने लगे हैं।
30 जून 2025 तक शहर की सभी सड़कों की खुदाई पूरी कर पाइप डालने का काम खत्म करने को लेकर मेयर वनीत धीर ने ठेकेदार कंपनी L.&T. को सख्त निर्देश दिए है। बता दें कि इस प्रोजैक्ट के अनुसार 98 किलोमीटर सड़कों पर पाइप डाले जाने हैं, लेकिन अभी केवल 50-52 किलोमीटर सड़कों पर ही काम पूरा हो सका है।
कई बार लगाया जा चुका जुर्माना
इस प्रोजैक्ट की पूरी होने की समयसीमा शुरुआत में 30 महीने में हुई थी, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी आधा काम भी पूरा नहीं हुआ। इस देरी के चलते कंपनी पर पहले 4.65 करोड़ रुपए और बाद में 9.30 करोड़ रुपए (2 प्रतिशत) का जुर्माना लगाया जा चुका है।
शहर की इन प्रमुख सड़कों को खोदा जा रहा
बता दे कि इस प्रोजैक्ट के तहत शहर के गुरु रविदास चौक से मॉडल टाऊन श्मशानघाट के पीछे, मॉडल टाऊन वाटर टैंक से मैनब्रो चौक, मैनब्रो चौक से गुरु रविदास चौक, दीप नगर, अरमान नगर, दादा कालोनी, डीएवी कालेज के निकट, वेरका मिल्क प्लांट को को खोदा जा रहा है।