जालंधर रुरल पुलिस के साइबर सेल टीम ने अलग-अलग मामले में साइबर फ्रॉड के 21.57 लाख रुपए वसूल कर पीड़ितों को वापिस दिलाए हैं। साइबर सेल की टीम ने साइबर फ्रॉड के विरुद्ध विशेष मुहिम चलाई है। इस मुहिम के तहत ठगी का शिकार हुए लोगों को उनके रुपए वापिस दिलाए गए हैं।
पहला मामला अर्जुन नगर का
जालंधर के अर्जुन नगर के रहने वाले संजीव गुप्ता के साथ 7.50 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इस मामले की जांच कर रहीं इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर ने 5,40517 रुपए की धोखाधड़ी वाली रकम को फ्रीज कर दिया। मामले की पूरी तरह से जांच करने के बाद पीड़ित को उसके पैसे लौटा दिए गए।
संजीव महिंद्रू के साथ हुआ 14 लाख रुपए का फ्रॉड
सेठ हुक्म चंद कालोनी में रहने वाले संजीव महिंद्रू भी साइबर क्राइम का शिकार हो गए। ठगों ने उनसे 14.16 लाख रुपए की ठगी की। शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम की टीम ने पूरी रकम को ट्रेस करवाकर फ्रीज कर दिया और पीड़ित को पैसे लौटा दिए।
आदमपुर की गगनदीप कौर से हुई 2 लाख की ठगी
तीसरा मामला आदमपुर के गांव कठियाणा का है। जहां गगनदीप कौर की नाम की लड़की के साथ 2 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस की टीम तुरंत हरकत में आई और उन्होंने शिकायतकर्ता को उनकी रकम वापिस की।
ऑनलाइन ठगी पर तुरंत करवाए शिकायत
जालंधर के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी के बाद पहला घंटा गोल्डन ऑवर कहा जाता है। क्योंकि धोखाधड़ी करने वाले लेन-देन को रोकने और चोरी हुए फंड्स को रिकवर करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। फ्रॉड होने के तुरंत बाद ही नागिरकों को 1930 पर कॉल या फिर साइबर क्राइम डॉट गवर्नमेंट डॉट इन पर जा कर शिकायत करनी चाहिए।
साल में 52 लाख रुपए से ज्यादा लोगों को लौटाए
SSP खख ने बताया कि जालंधर रुरल पुलिस ने साल 2024 में साइबर क्राइम के पीड़ितों को 52,31915 रुपए वापिस करवाए हैं। इसके साथ ही लोगों को सलाह दी जाती है कि वह किसी के बातों में न आएं और न ही किसी संदिग्ध गतिविधियों में हिस्सा लें। संदिग्ध गतिविधि वाली चीजों को तुरंत ब्लॉक करें।