जल्द अमीर बनने के चक्कर में ITI और ऑटो मोबाइल डिप्लोमा होल्डरों हेरोईन की तस्करी करनी शुरू कर दी। इन तीनों नशा तस्करों को स्पेशल टास्क फोर्स के AIG जगजीत सरोआ ने अरेस्ट कर लिया। पकड़े गए नशा तस्करों में एक ITI है, दूसरा ऑटो मोबाइल डिप्लोमा होल्डर है जबकि तीसरा मोटर मैकेनिक है। इनसे डेढ़ किलो हेरोइन भी बरामद की गई है।
पकड़े गए तीनों नशा तस्करों की पहचान अमृतपाल सिंह उर्फ अनमोल पुत्र दया सिंह निवासी सुल्तानविंड जिला अमृतसर, रणजीत सिंह उर्फ सोनू पुत्र हरदीप सिंह निवासी मेहता और गगनप्रीत सिंह उर्फ गगन पुत्र मनजिंदर सिंह निवासी सुल्तानविंड के रुप में हुई है। जिनको खिलाफ एफआईआर 389 के तहत धारा 21 (सी), 29 एनडीपीएस एक्ट के तहत थाना एसटीएफ एसएएस नगर मोहाली में मामला दर्ज किया गया है।
ये है तीनों तस्करों की कहानी
AIG जगजीत सिंह सरोआ ने बताया कि पूछताछ के दौरान तीनों तस्करों ने अपनी कहानी बताई। जिसमें पता चला कि तीनों जल्द अमीर होना चाहते थे और हेरोइन की तस्करी करने लग गए।
ऑटो मोबाइल डिप्लोमा होल्डर कैसे बना हेरोइन तस्कर
1-हेरोइन तस्कर अमृतपाल सिंह उर्फ अनमोल ने पुलिस को बताया कि वह 12वीं क्लास तक पड़ा है और फिर ऑटो मोबाइल का डिप्लोमा एसबीएस पट्टी से किया। नशे के धंधे से ज्यादा कमाई हो रही थी और तरीका भी आसान था। जिसके बाद उसने रणजीत सिंह और गगनप्रीत सिंह के साथ मिलकर हेरोइन बेचनी शुरु कर दी।
मोटर मकैनिक कैसे बना नशा तस्कर
2-तस्कर रणजीत सिंह उर्फ सोनू ने पुलिस को बताया कि उसने 10वीं की है और उसके बाद मोटर मकैनिक का काम करने लगा। इसी के साथ वह लोगों के घरों में अखबार फैंकने का काम करता है। कमाई ज्यादा करने के चक्कर में हेरोइन का धंधा शुरु कर दिया जो बहुत ही आसान था।
ITI डिप्लोमा होल्डर कैसे बना नशा तस्कर
3-तस्कर गगनप्रीत सिंह उर्फ गगन ने पुलिस को बताया कि वह 12वहीं क्लास तक पड़ा और उसके बाद आईटीआई करने लग गया था। डिप्लोमाा करने के बाद अपने मामा के पास गाड़ियां रिपेयर करने का काम करने लग गया। गाड़ी रिपेयर करने में काफी मेहनत थी और पैसे कम थे। जिस कारण वह हेरोइन की तस्करी करते थे।