यूनाइटेड किंगडम के नए वीजा कानून के तहत वहां रह भारतीयों के परिवार के मेंबरों को ब्रिटेन लाने पर रोक लगा दी गई है। नए वीज़ा नियमों के मुताबिक देखभाल कर्मी(Care Worker) के रूप में काम करने वाले भारतीय और विदेशी अब अपने परिवारों को यहां नहीं ला पाएंगे।
ब्रिटेन आने वाले प्रवासियों की संख्या में आएगी कमी
गृह मंत्रालय ने पहले ही इस कानून की घोषणा कर दी थी, जो सोमवार(11 मार्च) से लागू हो गया है। पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक, ब्रिटेन में 100,000 कर्मचारी 1,20,000 आश्रित सदस्यों(Dependent Member) के साथ केयर वीजा पर काम करते थे। दावा किया गया है कि इस कदम से ब्रिटेन आने वाले प्रवासियों की संख्या में भारी कमी आएगी और वीजा दुरुपयोग से निपटा जा सकेगा।
गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा कि देखभाल कर्मी जरूरत के समय हमारे प्रियजनों की देखभाल करके हमारे समाज में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। लेकिन जब वीज़ा नियमों के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग, हमारी इमीग्रेशन सिस्टम में हेरफेर और आप्रवासियों की संख्या में बढ़ोतरी से निपटने की बात आती है तो हम चुप नहीं बैठ सकते। इस स्थिति को जारी रहने देना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमने ब्रिटिश लोगों के साथ कार्रवाई करने का वादा किया था। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक हम संख्या में कमी लाने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं कर लेते। ब्रिटिश श्रमिकों की सुरक्षा के लिए हमारी योजना निष्पक्ष और मजबूत है। उन्होंने कहा कि दुनिया की प्रतिभाएं हमारे समाज में मूल्यों को जोड़ने और अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए यहां काम और अध्ययन कर सकती हैं।
वीजा नियमों में ये बदलाव लागू हो गए हैं। सरकार गुरुवार को संसद में नए नियम पेश करने की तैयारी में है। प्रवासियों के लिए प्रायोजक के रूप में काम करने वाले देखभाल कर्मियों को अब देखभाल गुणवत्ता आयोग (सीक्यूसी) के साथ रेजिस्ट्रेशन कराना होगा। सरकार का कहना है कि वह देखभाल क्षेत्र में श्रमिकों के शोषण और दुर्व्यवहार पर भी रोक लगाएगी।