India ranks third after America and China among the countries with the highest number of billionaires : भारत में अरबपतियों की संख्या बढ़कर 185 हो गई है। अमेरिका स्थित रेटिंग एजेंसी यूबीएस की बिलेनियर एंबीशन्स रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं। अमेरिका और चीन के बाद भारत में यह सबसे अधिक संख्या है। इतना ही नहीं, सालभर के भीतर इन अरबपतियों की दौलत में 42 फीसदी का इजाफा भी हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, सालभर में भारत ने 32 नए अरबपति जोड़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, यह आर्थिक क्षेत्र में भारत के लगातार बढ़ते कदमों को दिखाता है। इससे पीछे वे नए चेहरे भी हैं, जिन्होंने पारंपरिक व्यवसाय से लेकर नए क्षेत्रों तक में सफलता के झंडे गाड़े हैं।
2015 के बाद से दोगुनी से अधिक
2015 के बाद से देश में अरबपतियों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है। कारोबार के क्षेत्र में लगातार हो रही बढ़ोतरी का इसमें अहम योगदान है। अनुमान है कि अगले दशक में भारत में अरबपतियों की संख्या चीन के बराबर हो जाएगी। हालांकि, इस बीच चीन में अरबपति घट भी रहे हैं।
इस वजह से बढ़ रहे हैं अरबपति
शहरीकरण में तेजी
डिजिटल क्षेत्र में क्रांति
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का विस्तार तेजी से होना
ऊर्जा क्षेत्रों में लगातार निवेश
चीन में घट रही अरबपति संख्या
अमेरिका में अरबपतियों की संख्या 835 और चीन में 427 है। अमेरिका में इस साल 84 लोग अरबपति सूची में जुड़े। हालांकि, चीन में अरबपतियों की संख्या में गिरावट देखी गई। चीन में 93 अरबपति कम हुए हैं। वहीं, वैश्विक स्तर पर अरबपतियों की संख्या 2015 में 1,757 से बढ़कर 2024 में 2,682 हो गई है।
टेक सेक्टर के अरबपति ज्यादा
टेक सेक्टर के अरबपतियों की दौलत में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 2015 में इनकी संपत्ति 788.9 बिलियन डॉलर थी, जो अब तीन गुना बढ़ाकर 2024 में 2.4 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। इस उछाल के पीछे जनरेटिव एआई, साइबर सुरक्षा, फिनटेक और रोबोटिक्स में ग्रोथ के कारण संभव हुआ है।
रियल एस्टेट अरबपति पिछड़े
औद्योगिक क्षेत्र के अरबपतियों ने ग्रीन टेक्नोलाजी और रीशोरिंग इनिशिएटिव में निवेश के कारण दौलत को 480.4 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1.3 ट्रिलियन डॉलर कर दिया है। इसके विपरीत, रियल एस्टेट अरबपति पिछड़ गए, जो चीन के संपत्ति सुधार, कॉमर्शियल रियल एस्टेट पर महामारी के प्रभाव और अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों में वृद्धि से प्रभावित थे।