दिवाली के त्योहार में घर में मां लक्ष्मी और श्री गणेश की पूजा की जाती है और घर को दियो से रोशन किया जाता है। शुभ दीपावली और हैप्पी दिवाली की मुबारक देने के बाद पटाखे फोड़ने जाना और आंखों को चोटिल कर लेना.! कितना खतरनाक है ऐसा सोचना भी। मगर ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है। दीपावली में अस्पतालों में जाने वाले लोग सबसे ज्यादा आंखों की परेशानी लिए होते हैं। अगर आप भी इस दिवाली में पटाखों के साथ खेल रहे हैं, तो इन सावधानियों के बारे में जरूर सोचें। दिवाली में पटाखे सभी लोग जलाते हैं लेकिन इससे आंखों को बचाना भूल जाते हैं। पटाखों से निकलने वाले धुंए से आंखों की परेशानियां हो सकती हैं। कई बार लोगों की आंखों में जलन होती है कुछ लोगों के आंखों की रोशनी भी चली जाती है। पटाखों को जलाते समय सावधानियां रखना बेहद जरूरी होता है।
आपको बताते हैं कि दिवाली पर पटाखे जलाते वक्त आप अपनी आंखों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अलावा अगर आप या आपका कोई अपना किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो क्या करना चाहिए -
पटाखे जलाते हुए बरते सावधानी -
- एनवायरमेंट फ्रेंडली पटाखे चुनें ।
- सेफ्टी ग्लास पहनें ।
- सुरक्षित दूरी बनाए रखें ।
- बच्चों की बारीकी से निगरानी करना जरुरी सावधानियां हैं, जिससे आप आंखों से जुड़े जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।
हादसा होने पर क्या करें -
आंख को ना रगड़ें - प्रभावित आंख को छूने या रगड़ने से बचें, इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
अपनी आंख को धीरे से धोएं - अगर आंख में कोई बाहरी कण या मलबा दिखाई दे रहा है, तो इसे साफ पानी से धीरे से धोएं। अगर उपलब्ध हो तो स्टेराइल सेलाइन सॉल्यूशन का इस्तेमाल करें।
आंख को ढकें - घायल आंख को साफ, मुलायम, सूती कपड़े से ढककर सुरक्षित रखें। इससे प्रभावित आंख में किसी भी तरह के इंफेक्शन को रोका जा सकता है।
तुरंत डॉक्टर से मिलें - ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प लें। अगर इलाज न किया जाए तो जाहिर तौर पर मामूली चोटें भी आपकी आंखों को प्रभावित कर सकती है।
ये काम बिल्कुल ना करें -
चोट को इग्नोर न करें: गंभीरता के बावजूद, आंख की चोट को कभी भी मामूली समझकर इग्नोर न करें। जरूरी मेडिकल हेल्प लें।
सेल्फ मेडिकेशन से बचें: ओवर-द-काउंटर आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने या कोई मलहम लगाने से बचें। इनसे कभी-कभी स्थिति खराब हो सकती है।