I was not given resignation, claims President after two and a half months : अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़ने से पहले शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन मोहम्मद शाहबुद्दीन के दावे ने सियासत में बवाल मचा दिया है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा है कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति का मनाब जमीन के साथ साक्षात्कार शनिवार को इसकी राजनीतिक पत्रिका जनतांत्रिक चोख में प्रकाशित हुआ। बता दें कि मुहम्मद यूनुस आठ अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बने थे और शेख हसीना 5 अगस्त को भारत चली गई थीं।
कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इंटरव्यू के कुछ अंशों को न्यूज पेपर में सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को छापा। रिपोर्ट में शहाबुद्दीन के हवाले से बताया गया कि उन्होंने कहा, मैंने सुना है कि शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इसका कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत कोशिशों के बावजूद उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं मिल पाया।
हसीना से मुलाकात नहीं हुई
शहाबुद्दीन ने कहा, 'शायद उनके (हसीना) पास समय नहीं था। पांच अगस्त की घटना का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि सुबह करीब 10:30 बजे शेख हसीना के आवास से बंगभवन को फोन आया और बताया गया कि हसीना उनसे मुलाकात करेंगी। राष्ट्रपति ने कहा, 'यह सुनकर बंगभवन में तैयारियां शुरू हो गईं। एक घंटे के भीतर ही एक और कॉल आई, जिसमें कहा गया कि वह नहीं आ रही हैं।
मुझे बताए बिना देश छोड़ा
उन्होंने कहा, 'हर जगह अशांति की खबरें थीं...मैंने अपने सैन्य सचिव जनरल आदिल (मेजर जनरल मोहम्मद आदिल चौधरी) से इसे देखने को कहा। उनके पास भी कोई जानकारी नहीं थी। हम इंतजार कर रहे थे और टीवी देख रहे थे। कहीं कोई खबर नहीं थी फिर मैंने सुना कि वह (हसीना) मुझे बताए बिना देश छोड़कर चली गई हैं। मैं आपको सच बता रहा हूं।
बहस का कोई मतलब नहीं
शहाबुद्दीन ने कहा, जब सेना प्रमुख जनरल वाकर बंगभवन आए तो मैंने यह जानने की कोशिश की कि क्या प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। जवाब यही था। उन्होंने सुना है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन शायद उन्हें हमें सूचित करने का समय नहीं मिला। जब सब कुछ नियंत्रण में था तो एक दिन कैबिनेट सचिव इस्तीफे की प्रति लेने आए। मैंने कहा कि मैं भी तलाश कर रहा हूं। इस पर अब बहस करने का कोई मतलब नहीं है। हसीना जा चुकी हैं और यह सच है।
अपने आप में विरोधाभास
राष्ट्रपति के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा स्थिति में संवैधानिक शून्यता को खत्म करने और सुचारू कार्यकारी संचालन के लिए अंतरिम सरकार का गठन किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और सलाहकार परिषद को शपथ दिला सकते हैं। इस बीच, विधि सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा कि यदि राष्ट्रपति ढाई महीने बाद दावा करते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री ने त्यागपत्र नहीं दिया है तो यह अपने आप में विरोधाभास होगा।
शपथ उल्लंघन के बराबर
नजरुल ने कहा यह उनकी शपथ के उल्लंघन के बराबर है, क्योंकि 5 अगस्त को रात 11:20 बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ राष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा था कि शेख हसीना ने मुझे अपना त्यागपत्र सौंप दिया है और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। इसके बाद, संविधान के अनुच्छेद 106 के तहत अगले कदमों पर मार्गदर्शन लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय प्रभाग से परामर्श किया गया। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश और अन्य जजों ने एक राय दी।
नोट समीक्षा बाद स्वीकृति
विधि सलाहकार ने कहा उस राय की पहली पंक्ति थी चूंकि प्रधानमंत्री ने मौजूदा परिस्थितियों में इस्तीफा दे दिया है... प्रधानमंत्री के इस्तीफे और राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग किए जाने के बाद, हमने अंतरिम सरकार के गठन के संबंध में अपीलीय प्रभाग की राय के आधार पर मंत्रालय के कार्यालय से राष्ट्रपति को एक नोट भेजा। राष्ट्रपति ने इस राय की समीक्षा की और इसे स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने खुद अंतरिम सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
राष्ट्रपति झूठ बोल रहे : BNP
शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने कहा कि राष्ट्रपति ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से हसीना के इस्तीफे के बारे में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में झूठ बोला। बीएनपी के उपाध्यक्ष जैनुल आबेदीन ने संवाददाताओं से कहा मैं कहूंगा कि राष्ट्रपति ने सरकार गठन के दो महीने बाद एक विशिष्ट एजेंडे के तहत यह बयान दिया है। राष्ट्रपति ने झूठ बोला है।