वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बयान को लेकर इस वक्त काफी चर्चा में हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं हैं और इस वजह से उन्होंने बीजेपी का ऑफर ठुकरा दिया। वहीं अब वित्त मंत्री के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे है कि आखिर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी उम्मीदवार को कितने पैसों की जरूरत होती है, देश की वित्त मंत्री के पास उतने पैसे हैं भी या नहीं?
जान लें चुनाव आयोग क्या कहता हैं
चुनाव लड़ने वाले हर उम्मीदवार के लिए पैसा खर्च करने की एक लिमिट सेट की गई है। लोकसभा चुनाव के लिए ये लिमिट 95 लाख रुपए है। वहीं विधानसभा चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार 40 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता। ये तो हुई लिमिट की बात यानी इससे ज्यादा नहीं खर्च सकते। लेकिन आप इससे कम का भी खर्च कर सकते हैं।
वित्त मंत्री के पास टोटल कितनी संपत्ति
वित्त मंत्री सीतारमण के पास 2022 में राज्यसभा के नामांकन के दौरान अपनी संपत्ति की घोषणा की थी। एफिडेविट के हिसाब से उस वक्त निर्मला सीतारमण के पास 63 लाख रुपए की चल संपत्ति और 1 करोड़ 87 लाख रुपए की अचल संपत्ति थी। टोटल हुआ 2.5 करोड़ रुपए जाहिर है दो साल में संपत्ति बढ़ी ही होगी।
राज्यसभा सदस्य वित्त मंत्री को हर महीने तनख्वाह भी मिलती है। बेसिक सैलरी लगभग 50 हजार रुपए होती है। बाकी भत्ता मिलाकर ये रकम चार लाख तक पहुंच सकती है।
ऑफर भी दी गई थी- सीतारमण
टाइम्स नाउ समिट 2014 में बातचीत के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनके पास चुनाव लड़ने जितना पैसा नहीं हैं। ऑफर मिलने पर एक हफ्ते तक सोचने के बाद मैंने मना कर दिया। मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए उस तरह का पैसा नहीं है। मुझे एक और दिक्कत भी है।
आंध्र प्रदेश हो या तमिलनाडु, जीतने के लिए कई अलग अलग मानदंडों का यूज किया जाता है। आप इस समुदाय से हैं या आप उस धर्म से हैं। मैंने कह दिया कि नहीं मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं। मैं बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मेरी दलील स्वीकार कर ली। इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूं।
सीतारमण ने भले ही ऑफर ठुकरा दिया हो लेकिन पीयूष गोयल, भूपेन्द्र यादव, राजीव चन्द्रशेखर, मनसुख मंडाविया और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई मौजूदा राज्यसभा उम्मीदवारों को BJP ने टिकट दिया है।