वेब खबरिस्तान, चंडीगढ़। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने डेढ़ हजार संपत्ति मालिकों का विकास शुल्क वापस करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा विकास शुल्क माफ करने की घोषणा के बाद यह फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले जो संपत्ति मालिक यह शुल्क जमा करवा चुके थे अब उन्हें यह शुल्क लौटाया जा रहा है। स्थानीय निकाय विभाग ने प्रदेश में लगभग 1,588 संपत्तियों की पहचान की है जहां संपत्ति मालिकों ने एच.एस.वी.पी., एच.एस.आई.आई.डी.सी., लाइसेंस कॉलोनियों, सी.एल.यू. प्राप्त संपत्तियों, लाल-डोरा आवासीय संपत्तियों एवं कृषि संपत्तियों में विकास शुल्क अदा कर दिया था।
पांच करोड़ 19 लाख की राशि होगी वापिस
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने यह निर्णय लिया है कि ऐसी संपत्ति मालिकों द्वारा जमा करवाई गई को विकास शुल्क की राशि को वापिस कर दिया जाये। विभाग द्वारा संबंधित नगर पालिकाओं को ऐसी संपत्तियों का विवरण उपलब्ध करवा दिया गया है। इन संपत्ति धारकों को एस.एम.एस. के माध्यम से सूचना भी दी गई है कि वे इस संदर्भ में निर्धारित प्रावधानों के तहत एन.डी.सी. पोर्टल पर आवेदन करके अदा की गई विकास शुल्क की राशि को वापिस प्राप्त कर सकते है। इस प्रकार के संपत्ति धारकों को कुल पांच करोड़ 19 लाख की राशि वापिस की जाएगी।