दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आधी रात को 5 हजार शिक्षकों का ट्रांसफर करने का आदेश जारी कर दिया गया। शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना ने शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्रांसफर रोकने के लिए कहा था। लेकिन इसके दो दिन बाद विभाग ने मंगलवार(2 जुलाई) की आधी रात को अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर ट्रांसफर का आदेश जारी कर दिया।
कारण बताओ नोटिस जारी
जानकारी मुताबिक, वार्षिक स्थानांतरण नीति (Annual Transfer Policy) के तहत उन शिक्षकों का स्थानांतरण अनिवार्य है, जो 10 सालो से ज्यादा समय से एक ही स्कूल में कार्यरत हैं। बुधवार को आतिशी ने शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को मंत्री के आदेश की अवहेलना करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया।
जिसमें अनुच्छेद 239 एए ( Article 239 AA) का हवाला दिया गया, जो दिल्ली सरकार को समवर्ती सूची (Concurrent List) के मामलों पर अधिकार देता है। लेकिन इसके बावजूद मंगलवार आधी रात के बाद शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिये गए।
10 साल से ज्यादा स्कूल में दे चुके सेवा
उधर, इससे शिक्षकों में आक्रोश है। इस मामले को लेकर शिक्षक बुधवार को शिक्षा निदेशक(Director of Education) से भी मिले। इस मामले में शिक्षक गुरुवार को उपराज्यपाल से मिलेंगे। दरअसल, हाल ही में 10 साल से ज्यादा समय से एक ही स्कूल में सेवा दे रहे सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से तबादले के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया गया था। ऐसा नहीं करने पर शिक्षा निदेशालय ने उन्हें किसी भी स्कूल में ट्रांसफर करने को कहा है।
सरकारी स्कूल शिक्षक संघ (जीएसटीए) के अनुसार, इस निर्णय के बाद उसने शिक्षा विभाग से अपील की कि वह उनके तर्क पर विचार करे कि इस निर्णय से छात्र-शिक्षक संबंध प्रभावित होंगे। इसने दावा किया कि प्राधिकरण द्वारा तबादलों को लागू न करने का मौखिक आश्वासन दिया गया था और कहा गया था कि इसे स्वैच्छिक बनाया जाएगा। यादव ने दावा किया कि इस मुद्दे का जानबूझकर राजनीतिकरण किया जा रहा है।