HIBOX ऐप के जरिए करीब 500 करोड़ रुपए का स्कैम सामने आया है। मानने वाली बात ये हैं कि इसकी ऐड यूट्यूबर अभिषेक मल्हान, एल्विश यादव और कॉमेडियन भारती सिंह कर सकते हैं। केस की जांच दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट कर रही है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली आरती (बदला हुआ नाम) अकाउंटेंट की नौकरी करती हैं। साथ में बच्चों को कोचिंग भी पढ़ाती हैं। पिता नहीं हैं और मां हाउस वाइफ हैं। उसने बताया कि आरती को यूट्यूबर अभिषेक मल्हान और कॉमेडियन भारती सिंह पसंद हैं। वो उनके सारे वीडियोज देखती हैं।
यूट्यूबर के HIBOX एप का प्रचार देखा
22 मार्च, 2024 को यूट्यूब पर उनकी नजर अभिषेक मल्हान के ब्लॉग पर पड़ी, जिसमें वो HIBOX एप का प्रचार कर रहे थे। अपने पसंदीदा इंफ्लुएंसर की बातों से प्रभावित होकर आरती ने ऐप डाउनलोड किया। उन्होंने 300 रुपए वाला मिस्ट्री बॉक्स खोला और ये बॉक्स 1% प्रॉफिट पर एप पर ही रिसेल कर दिया।
बहन के अकाउंट से 14 लाख रुपए लगाए
आरती ने कुछ महीनों में ढेर सारे मिस्ट्री बॉक्स खोले। उन्होंने अपने ही नहीं, अपनी बहन के भी बैंक अकाउंट से पैसे लगाए। करीब 14 लाख रुपए लगा चुकीं आरती अब परेशान हैं। ऐप बंद होने से पहले तक वो सिर्फ 6 लाख रुपए ही निकाल पाई थीं, बाकी पैसा अब भी एप के वॉलेट में ही है। ये पैसा उनकी कई साल की मेहनत की कमाई थी।
इस फ्रॉड का शिकार कई लोग हुए
बताया जा रहा है कि इस फ्रॉड का शिकार और भी कई लोग हो चुके है। ऐसे में 30 हजार से ज्यादा लोग हैं। जो अच्छे रिटर्न के दावों में फंसकर अच्छा खासा पैसा फंसा चुके हैं। भारती, रिया चक्रवर्ती, हर्ष, तेजस्वी और एल्विश यादव जैसे इंफ्लुएंसर ने इसका प्रमोशन किया। इससे ऐप पर लोगों का भरोसा बढ़ा। पुलिस इन्हें पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है।
NCRP पर भी 500 मामले लिंक किए गए
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल यानी NCRP पर भी इससे जुड़े करीब 500 मामले लिंक किए गए हैं। ये ऐप कैसे काम करता था, ऐप ने क्या दावे किए थे और अब आरोपियों पर एक्शन के लिए क्या विकल्प हैं। इसका पत लगाया जा रहा है।
जुलाई में पैसे निकालने में दिक्कत हुई, कंपनी के स्टाफ ने किया रिजाइन
रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कैम का शिकार हुए लोगों ने बताया कि जुलाई के पहले हफ्ते से ऐप से लोगों को पैसे निकालने में दिक्कत हो रही थी। कंपनी ने टेक्निकल ग्लिच, TDS और कई दूसरे बहाने बनाए। अगस्त की शुरुआत में ही कंपनी ने पैसे देने बंद कर दिए। जिसके बाद कंपनी के नोएडा ऑफिस के पूरे स्टाफ ने रिजाइन कर दिया।
प्ले स्टोर हटा, 1 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड्स
पेमेंट गेटवे बंद होने के बाद HIBOX को एंड्रॉयड और एपल प्ले स्टोर से हटा दिया गया। ऐप पर जिन्होंने पैसा लगाया था वो अब लॉगिन भी नहीं कर पा रहे है। गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप के 1 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड्स थे। HIBOX एपल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध था।
अगस्त 2023 में हुआ था लॉन्च, 1 किया अरेस्ट
पिछले साल अगस्त में लॉन्च होने के बाद यूजर्स ने करीब 6 हजार करोड़ रुपए के मिस्ट्री बॉक्स खरीदे थे। स्कैम में पुलिस ने चेन्नई से एक आरोपी जे. शिवराम को अरेस्ट किया है। उसके खातों में रखे 18 करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं।
Easebuzz और PhonePe से मांगा जा रहा जवाब
HIBOX फर्जीवाड़े में पेमेंट गेटवे की भी भूमिका संदिग्ध है। IFSO के DCP हेमंत तिवारी के मुताबिक, Easebuzz और PhonePe ने बिना वेरिफाई किए किसी और के साइन पर गेटवे खोल दिया। RBI के नियमों को दरकिनार किया गया, इसलिए उनसे भी जवाब मांगा गया है।
दावा HIBOX का हेडक्वार्टर लंदन
HIBOX एप के ऑफिशियल डॉक्युमेंट, उससे जुड़े ग्रुप्स और सोशल मीडिया हैंडल्स पर हुई पिछले एक साल की सभी एक्टिविटीज को ट्रैक किया है। HIBOX का दावा था कि उसका हेडक्वार्टर लंदन में है और कंपनी में 1 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं।
भारत में भी ब्रांच
App के मुताबिक, 2023 में वियतनाम में ब्रांच खोलने के बाद कंपनी ने भारत, इंडोनेशिया और फिलिपींस में ब्रांच खोली। भारत में ऐप लॉन्च करने से पहले कई नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया आउटलेट्स में HIBOX और उसके COO मालेक सलाह को लेकर पेड आर्टिकल्स छपवाए गए। ये दिखाने की कोशिश की गई कि HIBOX बहुत यूनीक और इनोवेटिव आइडिया है, जो लोगों के शॉपिंग एक्सपीरियंस को बदल देगा।
शिवराम की कंपनी के साथ मिलकर एप किया लॉन्च
HIBOX ने चेन्नई के रहने वाले जे. शिवराम की वन पर्सन कंपनी सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर अगस्त, 2023 में भारत में एप लॉन्च किया। HIBOX की लॉन्चिंग के पेड आर्टिकल्स भी प्रतिष्ठित मीडिया आउटलेट्स में पब्लिश कराए गए।
ऑटो रिक्शा और बसों पर छपवाए विज्ञापन
कंपनी ने 12 हजार ऑटो रिक्शा और 1000 डीटीसी बसों पर विज्ञापन छपवाए। स्पाइस जेट के साथ टाईअप करने उनकी इन फ्लाइट मैगजीन में जगह ली। मॉल्स और सड़कों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर प्रचार किया। नोएडा ऑफिस में कई कंटेंट क्रिएटर्स रखे, जो लगातार सोशल मीडिया पर एप के बारे में बताते रहे।
ई-कॉमर्स ऐप नहीं, आइटम ओवर प्राइस करके दिखाए जाते थे
HIBOX ऐप पर 300 से लेकर 1 लाख तक के मिस्ट्री बॉक्स खरीदने पर उससे ज्यादा कीमत के आइटम निकलने का दावा किया जाता था। लेकिन असल में ये कोई ई-कॉमर्स ऐप नहीं था। सच्चाई ये है कि सारे आइटम ओवर प्राइस करके दिखाए जाते थे। HIBOX लोगों को सामान घर न मंगाने के बदले 1 से 5% रिटर्न के साथ एप पर ही रिसेल करने का ऑप्शन देता था।
कई तरह के फर्जी एप्स आए
HIBOX स्कैम की पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि हाल के दिनों में इस तरह के फर्जी एप्स बड़ी संख्या में आए हैं। Vrl, ABSS, Orich, Treaser, wishop, RGEL, Gold field, Cosmos, Fimer, Fidelity App, BP Oil App, PGF capital app, Fifa, Ferrari, Fedex91, Sula77, Pandora, MR lucky और Family mall जैैसे ऐप्स मार्केट में आ चुके हैं।