भारतीय किसान यूनियन के राष्टीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। उन्हें फोन पर गांव सुन्हेड़ा के एक व्यक्ति ने ये धमकी दी है। उसने पहले गाली गलौच की फिर जूते मारने और तेजाब फेंकने की धमकी दी। उसने कहा कि तुम बिरादरी के ठेकेदार बनकर बदनाम कर रहे हो। किसी भी सभा में पहुंचने पर परिणाम भुगतना पड़ेगा।
राकेश टिकैत को धमकी मिलने की सूचना मिलने पर BKU के कार्यकर्ता गुस्सा गए और उन्होंने एसपी के पास पहुंचकर शिकायत की। किसानों ने कहा कि धमकी देने वाला व्यक्ति को खुद को बागपत का बता रहा है। एसपी ने आरोपी की पहचान कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
बांग्लादेश जैसे वाले बयान को लेकर जताया विरोध
इसकी ऑडियो भी BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के पास है। राकेश टिकैत को धमकी देने वाले ने बांग्लादेश जैसे हालात होने वाले बयान को लेकर विरोध जताया। साथ ही बाहर से फंडिंग होने, किसानों और एक जाति को बदनाम करने का भी आरोप लगाया। हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष उसको बार-बार तमीज से बात करने के लिए बोलते रहे, लेकिन वह अभद्र भाषा का प्रयोग करता रहा और जान से मारने की धमकी दी।
रात 9 बजे आया कॉल
BKU नेता चौधरी इंद्रपाल सिंह ने बताया राकेश टिकैत के पा 19 सितंबर की रात 9 बजे एक फोन कॉल आया। फोन करने वाले ने अपने आपको बागपत का रहना वाला बताते हुए राकेश टिकैत से अभद्रता शुरू कर दी और उनसे गाली-गलौज की और उन्हें जान से मरने तक की धमकी दी। किसी भी सभा में पहुंचने पर परिणाम भुगत लेने की बात कही। एसपी से शिकायत कर मामले में कार्रवाई की मांग की गई है।
BKU नेता ने एसपी बागपत अर्पित विजयवर्गीय को शिकायत देते हुए फोन करने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई की मांग की। एसपी ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
क्या दिया था टिकैत ने बयान ?
राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत 20 अगस्त को मेरठ में पीवीवीएनएल एमडी ईशा दुहन के ऑफिस पर किसानों की समस्याओं को लेकर वार्ता करने आए थे। मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा था कि भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात बन रहें हैं।
उन्होंने दिल्ली की घटना का जिक्र किया कि हजारों ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंचे किसानों बरगला दिया था और वो लाल किले की तरफ कूच कर गए थे, यही सबसे बड़ी चूक हो गई थी, यदि ये ट्रैक्टर पार्लिमेंट की तरफ कूच कर जाते तो बहुत कुछ बदल जाता। तभी से राकेश टिकैत का ये बयान सुर्खियां बटोर रहा है और उनके खिलाफ भारतीय किसान यूनिटन अटल ने मोर्चा खोल रखा है।