Educational institutions will be tobacco free, Center issued advisory to all states : तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान की नीति को लागू करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक साझा एडवाइजरी जारी की है। भारत के युवाओं में तंबाकू के इस्तेमाल को लेकर बढ़ती चिंता को दूर करने की दिशा में सरकार का यह एक ठोस प्रयास है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संयुक्त रूप से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से तंबाकू मुक्त शैक्षिक संस्थान (ToFEI) मैनुअल को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया है।
13-15 वर्ष के बच्चों में नशे की लत
यह पहल ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (GYTS) 2019 की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के बाद शुरू की गई है। सर्वे में कहा गया है कि देश भर में 13 से 15 वर्ष की आयु के 8.5% छात्र विभिन्न रूपों में तंबाकू के सेवन में लिप्त हैं। चिंताजनक रूप से, भारत में 5,500 से अधिक बच्चे हर दिन तंबाकू का उपयोग करना शुरू करते हैं। यह एक ऐसी आदत जो अक्सर अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग तक बढ़ जाती है। एडवाइजरी में मुद्दे से निपटने में एकजुट मोर्चे के महत्व पर जोर दिया है।
31 मई को पेश की गई थी मैनुअल
एडवाइजरी में ToFEI मैनुअल को शैक्षणिक संस्थानों के लिए काफी अहम बताया गया है। इसका लक्ष्य परिसर में तम्बाकू के उपयोग को रोकना है। यह मैनुअल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर पेश किया गया था। यह व्यापक राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नाबालिगों और युवाओं को तंबाकू और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट की लत के चंगुल से बचाना है।
नशे से युवाओं को बचाने का लक्ष्य
मैनुअल में प्रभावी रणनीतियों और उपायों की रूपरेखा दी गई है, जिन्हें स्कूल और कॉलेज तंबाकू मुक्त वातावरण को बढ़ावा देने के लिए अपना सकते हैं, जिसमें आजीवन तंबाकू की लत को रोकने में शुरुआती हस्तक्षेप के महत्व पर जोर दिया गया है। यह वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS), 2019 के निष्कर्षों की ओर ध्यान आकर्षित करता है, जिसमें पता चला है कि भारत में 13 से 15 वर्ष की आयु के 8.5 प्रतिशत स्कूली छात्र विभिन्न रूपों में तंबाकू का सेवन करते हैं।
हर रोज 5500 बच्चे करते हैं सेवन
विशेष रूप से चिंता की बात यह है कि भारत में 5,500 से अधिक बच्चे हर दिन तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं। ToFEI दिशानिर्देशों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। इसमें कहा गया है कि आजीवन तंबाकू का सेवन करने वाले 55 प्रतिशत लोग 20 वर्ष की आयु से पहले ही इस आदत को अपना लेते हैं। जिसके परिणामस्वरूप कई किशोर अन्य नशीले पदार्थों की ओर मुड़ जाते हैं। युवाओं में तंबाकू के सेवन की शुरुआत को रोकने के लिए पहल अहम है।