Does the serpent really take revenge when the snake dies : देश में पुरानी मान्यता रही है कि अगर नाग को मार दिया जाता है तो उसकी आंखों में मारने वाले की तस्वीर कैद हो जाती है और बाद में उसकी नागिन अपने पार्टनर की मौत का बदला लेकर ही रहती है। यह धारणा और इसलिए मजबूत हो जाती है कि हिंदी सिनेमा ने इसे और बल प्रदान किया। बॉलीवुड की बहुत सी ऐसी फिल्में नाग-नागिन के बदले पर आधारित बनाई गई है। लगभग सभी कहानियों में नागिन को बदला लेते बताया गया है। ग्रामीण आज भी नाग-नागिन को मारने के बाद उसका सिर पूरी तरह कुचल देते हैं जिससे कि उसकी आंखें भी नष्ट हो जाएं।
क्या है आंख में तस्वीर बनने का सच
मिशन स्नेक डेथ फ्री इंडिया के कोऑर्डिनेटर डॉ. आशीष त्रिपाठी के अनुसार नाग- नागिन द्वारा बदला लेने की कहानी विज्ञान के मुताबिक किसी भी एंगल से सही नहीं दिखती। डॉ आशीष त्रिपाठी के अनुसार नाग या नागिन की आंख में किसी तरह की कोई इमेज स्टोर नहीं होती, नागिन द्वारा बदला लेने की कहानी मनगढ़ंत है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। नागिन द्वारा इस तरह से बदला लेने की बात को विज्ञान ठीक इससे उलट बताता है।
मरते समय फेरोमोंस रिलीज करता है
डॉ. आशीष त्रिपाठी के अनुसार जब नाग या फिर नागिन को मारा जाता है तो उस दौरान नाग या नागिन यूरिन करता है। खास तरह के फेरोमोंस रिलीज करता है। जिंदा रहने के वक्त फेरोमोंस अलग होते हैं और मरने के बाद अलग तरह के फेरोमोंस रिलीज होते हैं। मरते वक्त दर्द से कराह रहा नाग जो फेरोमोंस छोड़ता है। उसके बाद वहां नाग या नागिन पहुंचती है तो वह फेरोमोंस को सूंघकर इस बात का अंदाजा लगा लेती है कि यहां हमारे किसी साथी को मारा गया है।
कैसे काम करते हैं फेरोमोंस
डॉ. आशीष त्रिपाठी के अनुसार मरे हुए नाग के फेरोमोंस को महसूस करने के बाद नागिन बेहद आक्रोशित हो जाती है और बदला लेने के लिए निकल पड़ती है। ऐसे में उसके सामने जो भी इंसान आ जाता है, नागिन उसको डस कर मारने की कोशिश करती है। इसके पीछे वजह यह भी है कि नाग या नागिन उस क्षेत्र में खुद को असुरक्षित महसूस करने लगता है। जिसकी वजह से भी वह सामने वाले इंसान को निशाना बना लेती है।
जलाने से भी नहीं मिटता सबूत
डॉ. आशीष त्रिपाठी ने बताया कि नाग या नागिन को मारने के बाद आमतौर पर लोग कहते हैं कि इसको गाड़ दिया जाए या फिर आग में जला दिया जाए। ऐसा करने के बाद भी घटनास्थल पर फेरोमोंस मौजूद रहते हैं। जिनको नाग या नागिन सूंघ कर इस बात का पता लगा लेती हैं कि यहां उनके किसी साथी को मारा गया है। जाहिर है कि जलाने से भी यह सबूत नहीं मिटता है।