क्या आपके घर में भी छोटा बच्चा है और उसे खेलने के लिए अकेले छोड़ देते हैं या छत पर उसे अकेले छोड़ देते हैं। अगर हां तो ऐसा बिल्कुल भी न करें क्योंकि ऐसा करने से आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
हाल ही में हरियाणा के गुरुग्राम जिले में मां ने अपने ढाई साल के बच्चे को अकेले छत पर खेलने के लिए छोड़ दिया था और पास में ही गर्म पानी की बाल्टी पड़ी हुई थी। इस बीच बच्चा खेलते हुए उस गर्म पानी में गिर गया। जिस वजह से बच्चा पूरी तरह से झुलस गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
ऐसे में आप अपने छोटे बच्चे खास कर 1 से 3 साल के बच्चे को अकेले छोड़ने की गलती भूलकर भी न करें। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स की जानकारी लेकर आए हैं जिसकी मदद आप अपने बच्चे बेहतर तरीके से ध्यान रख सकती हैं। आइए जानते हैं उन टिप्स के बारे में-
अकेले छोड़ने की गलती न करें
छोटे बच्चे को कभी भी अकेले छोड़ने की गलती न करें। भले ही वो खेलने में कितना ही क्यों न बिजी हो या सोया हो। बच्चे के आसपास कोई एक ऐसा इंसान जरूर हो जो उनकी एक्टिविटी पर पूरी तरह से ध्यान रखें। वहीं बच्चे के आसपास ऐसी कोई भी चीज न रखें जिससे उसकी जान को खतरा हो।
तारीफ करना ना भूलें
बच्चा जब 2 साल हो जाता है तो वह अपने आसपास हो रहे चीजों को समझने की कोशिश करना शुरू कर देता है। ऐसे में जब भी बच्चा अच्छा व्यवहार करता है तो उसे ध्यान में रखें और उसकी तारीफ करना ना भूलें।
इससे आपके बच्चे को अच्छी आदतों को सीखने में मदद मिलेगी और उनके आत्म-सम्मान में सुधार आएगा। बच्चे को कुछ अच्छा करने पर टॉफी, चॉकलेट या खिलौने देने के बजाय अपने शब्दों से खुश करने की कोशिश करें।
बच्चे को सही गलती का फर्क बताएं
बच्चा जो भी करता है, उसे उसके सही या गलत परिणाम के बारे में जरूर बताएं। इससे बच्चे को सही और गलत के बीच फर्क समझ आ पाएगा। अगर आपका बच्चा कुछ अच्छा करता है तो उसके कामों की लिस्ट में से कोई एक काम कम कर दें लेकिन वहीं अगर वो कुछ गलत करता है तो उसकी लिस्ट में एक काम बढ़ा दें। इससे बच्चे को समझ आएगा कि उसने जो किया है वो गलत था या सही।
बुरे बर्ताव को इग्नोर करना
अगर आप बच्चे के गलत बर्ताव को इग्नोर कर देते हैं तो इससे उसके इस तरह के बिहेवियर को अपनाने के चांसेस कम करने में मदद मिल सकती है। दरअसल जब आप बच्चे के कुछ गलत करने पर उसे अटेंशन देते हैं तो उसे लगने लगता है कि आपकी अटेंशन पाने का ये सबसे आसान तरीका है।
जब बच्चा रोता है या चिल्लाता है तो आप उसे इग्नोर करने की कोशिश करें। लेकिन ध्यान रहें उनकी ऐसी कोई गलती को इग्नोर न करें जिससे उनकी जान को खतरा हो।
ध्यान भटकाएं की कोशिश करें
एक से तीन साल के बच्चों को डिसिप्लिन में लाने के लिए उनका ध्यान भटकाना सबसे अच्छा तरीका है। जब आपका बच्चा किसी चीज की जिद करता है या आपकी बात मानने को तैयार नहीं होता है तब आप किसी खिलौने या गाने की मदद से उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें।