दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई। लेकिन राउज एवेन्यू कोर्ट से केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा गई है।
ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी के मामले को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है। अब कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी। इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जज नियुक्त करेंगे। केजरीवाल को तब तक अंतरिम जमानत दी गई है, जब तक मामला बड़ी बेंच के समक्ष लंबित रहेगा।
ईडी केस में मिली जमानत, अभी CBI की कस्टडी में
इस वजह से फिलहाल केजरीवाल जेल से बाहर नहीं पाएंगे। वह मौजूदा समय में सीबीआई की कस्टडी में हैं लेकिन उन्हें जमानत ईडी केस(मनी लॉन्ड्रिंग) में मिली है। ऐसे में अभी वह जेल में ही रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने फैसले मे तीन सवाल तय करते हुए मामले को बड़ी बेंच के समक्ष भेजा है।
केजरीवाल 90 दिन जेल में
जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत के द्वारा घोटाले मामले मे केजरीवाल को दिए गए समन को सही माना था। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को उनकी गिरफ्तारी के कारण पद छोड़ने का निर्देश नहीं दे सकती हैं, यह उनका खुद का फैसला होगा। साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि सिर्फ पूछताछ के आधार पर गिरफ्तारी की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
केजरीवाल चुने हुए नेता हैं और वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं, इसका फैसला वही करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने फैसले में चुनावी फंडिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 19 और 45 के तहत ईडी के अधिकारों का हवाला दिया है। अदालत ने पीएमएलए की धारा 19 के प्रावधानों के पालन को लेकर भी सवाल खड़ा किया है।