पटियाला में पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर के बाहर दो दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान नरेंद्र पाल की मौत हो गई है। हालांकि अभी नरेंद्र पाल का शव राजेंद्रा अस्पताल, पटियाला में रखा गया है। आंदोलन में ये तीसरे किसान की मौत है। इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर तैनात एक एसआई की भी मौत हो चुकी है।
अचानक बिगड़ी तबीयत
रविवार रात को धरने के दौरान उन्होंने अपने साथियों को बताया कि उन्हें तबीयत ठीक नहीं लग रही। जिसके बाद उनके साथी किसानों ने उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने नरेंद्र पाल को मृत घोषित कर दिया।
दिल का दौरा पड़ने से मौत
रिपोर्ट के मुताबिक धरने पर बैठे किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। नरेंद्र पाल पटियाला के पास के गांव बठोई के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनके 3 बच्चे हैं, जिनमें 2 बेटियां और एक बेटा है। एक बड़ी बेटी की 2 साल पहले शादी हुई है, जबकि उससे छोटी बेटी 20 साल की है। बेटा 17 साल का है।
दो दिन से धरने पर डटे थे नरेंद्र पाल
केंद्र सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए किसानों ने शुरू किए धरने में नरेंद्र पाल 2 दिन से डटे हुए थे। पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के मोती महल के बाहर धरने पर वे भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अन्य सदस्यों के साथ बैठे थे। लेकिन इसी दौरान करीब 10 बजे उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।